पिछले दिनों अफ़ग़ानिस्तान में 900 इस्लामिक स्टेट (दाएश) के लड़ाकों ने सुरक्षा बलों के आगे हथियार डाल दिए थे। उनमें से 10 न केवल भारत के निकले, बल्कि भारत में भी अधिकाँश का कनेक्शन केरल से निकला। उन्हीं में से एक बेक्सन की ईसाई माँ और हिन्दू सास ने उसके जिन्दा होने पर ईश्वर का धन्यवाद करते हुए राहत की साँस ली है। समाचार पोर्टल The Week से बात करते हुए उन दोनों ने बेक्सन और उसकी पूर्व-हिन्दू पत्नी निमिषा के जिहाद छोड़ने पर ख़ुशी जताई है।
Both relief and gloom engulf the families back home in Kerala https://t.co/g3GmunmeZC #Kerala #ISIS
— THE WEEK (@TheWeekLive) November 27, 2019
जिहादी बेक्सन की माँ ग्रेसी पलक्कड़ की रहने वालीं हैं। उन्होंने बताया कि उनके बेटे बेक्सन व उसके भाई बेस्टिन ने 2016 में इस्लामिक स्टेट का दामन पकड़ा लिया था और देश छोड़ कर जिहाद के लिए चले गए थे। साथ में दोनों ने अपनी-अपनी पत्नियों, क्रमशः निमिषा (तिरुवनंतपुरम की हिन्दू) और मेर्रिन, को भी इस्लाम कबूल कराया था ताकि वे चारों साथ-साथ जिहाद करने जा सकें।
Nimisha and Bexon had converted to Islam before their marriage in November last while studying for BDS in an institute in Kasargod district
— Rajesh Abraham (@pendown) July 9, 2016
ग्रेसी ने उक्त साक्षात्कार में यह भी बताया कि उनका दूसरा बेटा बेस्टिन, जो बेक्सन से छोटा था, पिछले साल मारा गया था। इसके बाद ईसाई से जिहादी बनी मेर्रिन ने दूसरा निकाह पढ़ लिया था। उन्हें बेस्टिन की मौत की खबर अख़बारों में मिली थी। इसी संदर्भ में उन्होंने यह भी बताया कि उनकी बेटे बेक्सन से बात होती ही रहती थी, क्योंकि उन्होंने बेस्टिन की मौत की बात की पुष्टि बेक्सन से ही की थी।
ग्रेसी का कहना है कि उन्हें बेटे बेक्सन और बहू निमिषा के इस्लामी बने रहने से कोई दिक्कत नहीं है, बशर्ते वे शांतिपूर्वक उनके सामने रहें।
निमिषा की माँ बिंदु ने भी दोनों को पहचाना और बताया कि पुलिस बेस्टिन और उसके साथ एक बुर्के वाली औरत व उनकी नातिन उम्मुकुलसु (बेस्टिन-निमिषा की बेटी) की फ़ोटो उन्हें दिखाने लाई थी। उन्होंने बताया कि जब वह जिहाद करने निकली, तब निमिषा नौ महीने के गर्भ से थी- यानी किसी भी दिन माँ बन सकती थी। वे अब जाकर उम्मुकुलसु को देख पाएँगी, जिसके नाम पर अब तक उन्होंने फ़्रॉक केवल खरीद कर रखे हुए थे। बिंदु ने यह भी बताया कि जिहाद के लिए निकलने के पहले बेस्टिन और निमिषा उनसे मिलने भी आए थे- लेकिन उस समय यह झूठ बोलकर विदा ली कि किसी काम से श्री लंका जा रहे हैं।
जहाँ दोनों के परिवार वाले उनकी ‘घर वापसी’ से बहुत खुश हैं, वहीं सुरक्षा एजेंसियाँ सशंकित हैं। एक एनआईए अधिकारी ने The Week को बताया कि उन्हें शक है यह हृदय-परिवर्तन, हथियार डालना आदि ढोंग भी हो सकता है। ऐसा बहुत संभव है कि बेस्टीन और निमिषा की असली योजना केरल लौटकर और जिहादियों को रिक्रूट करने की हो।
गौरतलब है कि अमेरिकी-नाटो, इज़राइली और रूसी सेनाओं की मार से इस्लामिक स्टेट को बहुत क्षति पहुँची है- उसका बेस ईराक और सीरिया में उसके अधिकांश शीर्ष लड़ाके या तो मारे गए थे या गिरफ्तार हो गए थे। इसके बाद उसने एक ओर तो ‘लोन वुल्फ’ के रूप में काम करने के लिए बचे-खुचे जिहादियों को बिखेर दिया, और दूसरी ओर अपना बेस अफ़ग़ानिस्तान में बनाने की कोशिश करने लगा। इसके बारे में ईरान ने पिछले दिनों भारत को चेताया भी था।