बिहार पुलिस के ‘आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS)’ ने फरार चल रहे PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी मोहम्मद इरशाद आलम को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ा गया इरशाद PFI के चीफ सुल्तान का दायाँ हाथ माना जाता है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को इरशाद की लम्बे समय से तलाश थी। उसकी गिरफ्तार शुक्रवार (17 मार्च, 2023) को पूर्व चम्पारण से हुई है। पकड़े गए आतंकी से सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ जारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पकड़ा गया इरशाद मूल रूप से बिहार पूरी चम्पारण जिले के मेहसी थाना क्षेत्र में आने वाले गाँव हरपुर का रहने वाला है। कभी इरशाद की अपने ही गाँव हरपुर में मोबाइल शॉप हुआ करती थी। पटना के फुलवारी शरीफ में PFI के ‘मिशन 2047’ में सक्रिय नेटवर्क का खुलासा होने एक बाद इरशाद फरार हो गया था। फुलवारी शरीफ से पकड़े गए आतंकियों ने पूछताछ में इरशाद के थाना क्षेत्र मेहसी में अपने सहयोगियों की जानकारी दी थी। इस जानकारी पर NIA ने मेहसी में छापेमारी भी की थी। फरवरी 2022 में हुई छापेमारी में तौकीर, आबिद और एक अन्य संदिग्ध आरोपित को गिरफ्तार किया गया था।
इरशाद को केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए PFI के मुखिया याकूब का दायाँ हाथ माना जाता है। याकूब अपने तमाम बड़े फैसले इरशाद की सलाह से ही लिया करता था। NIA की लगातार छापेमारी के चलते इरशाद काफी लम्बे समय से छिप कर रह रहा था। शुक्रवार को बिहार ATS को उसके गाँव आने का इनपुट मिला था। इस सूचना पर बिहार ATS ने बेहद गोपनीयता से जाल बिछाया था। ATS के साथ जिले के भी पुलिसकर्मी मौजूद थे। जैसे ही वह अपने गाँव आया उसे उसी के घर से दबोच लिया गया।
दावा किया जा रहा है कि ATS की पूछताछ में इरशाद ने भारत को इस्लामी मुल्क बनाए जाने की साजिश वाले मिशन 2047 में अपनी संलिप्तता कबूल की है। खुद इरशाद द्वारा मिशन 2047 की तैयारी के लिए अपने गाँव के आस-पास चकिया और मेहसी में ट्रेनिंग सेंटर चलाए जाने की जानकारी सामने आई है। जाँच एजेंसियों को इस बाबत कुछ सबूत भी मिले हैं। पूर्वी चम्पारण के पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्र ने एक संदिग्ध की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। इरशाद को पकड़ कर थाने लगाया गया जहाँ उस से पूछताछ शुरू की गई। इस बीच मामले की जानकारी NIA को भी दे दी गई।