जम्मू-कश्मीर के बडगाम में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा आतंकी लतीफ राठर सहित कुल तीन आतंकियों को मार गिराया। सुबह लगभग साढ़े पाँच बजे मुठभेड़ शुरू हुई थी। लतीफ कश्मीर में कई हत्याओं को अंजाम दे चुका है। इसमें कश्मीरी पंडित राहुल भट और आमरीन भट भी शामिल हैं। लतीफ राठर कश्मीर लश्कर-ए-तैयबा और इसके संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट का कमांडर था। उसे घाटी में कश्मीरी हिन्दुओं की हत्याओं के सरगना के रूप में जाना जाता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लश्कर कमांडर लतीफ राठर सहित आतंकवादी संगठन लश्कर (TRF) के 3 आतंकियों के छिपे होने की सूचना थी। रिपोर्ट के अनुसार, रात लगभग 12 बजे ऑपरेशन शुरू किया गया था। आतंकियों को चारों तरफ से घेर लिया गया था। पहले सरेंडर करने के लिए कहा गया था लेकिन इस दौरान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी।
Input was received that three terrorists of terror outfit LeT(TRF) including terrorist Lateef Rather who was involved in several civilian killings including Rahul Bhat and Amreen Bhat were hiding in Budgam district. All three terrorists have been killed: ADGP Kashmir Vijay Kumar pic.twitter.com/7xGuIxyTH7
— ANI (@ANI) August 10, 2022
कश्मीर एडीजीपी विजय कुमार ने बताया कि लतीफ राठर राहुल भट्ट और आमरीन भट्ट की हत्या समेत कई निर्दोष नागरिकों की हत्या में शामिल था। इनपुट मिला था कि लतीफ राठर समेत आतंकी संगठन लश्कर के तीन आतंकी बडगाम में छिपे हुए हैं। वहीं अब तीनों आतंकी मारे जा चुके हैं।
एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने इस एनकाउंटर को बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल से शव निकाले जा रहे हैं। हालाँकि, इनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है। मौके से आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है। पुलिस ने बताया कि आतंकवादी लतीफ ए++ श्रेणी का आतंकवादी है और उस पर 10 लाख का इनाम है।
12 मई को हुई थी राहुल भट की हत्या
बता दें कि आतंकियों ने 12 मई, 2022 को पीएम पैकेज के तहत नियुक्त कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की चाडूरा तहसील कार्यालय में घुसकर हत्या कर दी थी। इसके बाद घाटी में कार्यरत हिन्दू कर्मचारियों ने कश्मीर से बाहर तैनाती की माँग शुरू कर दी। साथ ही ज्यादातर कर्मचारी जम्मू चले आए और अपनी सुरक्षित स्थान पर तैनाती की माँग को लेकर वे आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब वे घाटी नहीं जाएँगे क्योंकि वहाँ सुरक्षित माहौल नहीं है। वहीं कश्मीरी हिन्दू कर्मचारी की हत्या के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक कर हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की हिदायत दी थी।