मुंबई के अमेरिकी स्कूल पर आतंकी हमले की साजिश रचने वाले अनीस अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अनीस कम्प्यूटर इंजीनियर है जिसे साल 2014 में महाराष्ट्र ATS ने गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उसके निशाने पर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे थे। इस हमले को वह लोन वुल्फ अंदाज में अंजाम देना चाहता था। अनीस आतंकी समूह ISIS का भी समर्थक बताया जा रहा है। अनीस को यह सज़ा शुक्रवार (21 अक्टूबर 2022) को सुनाई गई है।
इसे महाराष्ट्र में साइबर आतंक में मिली पहली सज़ा बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह फैसला मुंबई की एक अदालत के अतरिक्त सत्र न्यायाधीश ए.ए. जोगलेकर ने सुनाया है। आरोपित अंसारी एक प्राइवेट कम्पनी में एसोसिएट जियोग्राफिक में बतौर टेक्नीशियन काम करता था। इस दौरान उसने अपने ऑफिस के कम्प्यूटर का भी दुरुपयोग किया। बताया जा रहा है कि अनीस अंसारी ऑफिस से ही एक नकली फेसबुक बना कर आपत्तिजनक और साम्प्रदायिक पोस्ट करता था।
18 अक्टूबर 2014 को उसे महाराष्ट्र ATS ने गिरफ्तार कर लिया था। सुरक्षा एजेंसी का आरोप था कि अनीस उमर एल्हाजी के साथ फेसबुक पर बातें करता था। सोशल मीडिया पर अनीस ISIS का भी समर्थन करता था। उस पर आरोप है कि वो अकेले ही एक अमेरिकी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को निशाना बनाने की फिराक में था। यह स्कूल बांद्रा-कुर्ला काम्प्लेक्स में था। ATS द्वारा पेश किए गए पुख्ता सबूतों के चलते ही साल 2014 से अब तक अनीस की जमानत नहीं हो पाई थी। जाँच एजेंसी ने अंसारी और अमेरिका के उमर एल्हाजी के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा कोर्ट में दिया है। उस बातचीत में न सिर्फ बच्चों पर हमला करने की बात कही कई है बल्कि दूतावासों को भी निशाने पर बताया गया है।
Anees Shakil Ahmed Ansari accused of hatching a plot to carry out terror attack on #American School located at #BKC in Mumbai to kill #Foreign nationals hasbeen sentenced for life imprisonment by session court Mumbai.He was arrested by #maharashtraATS in 2014 @Dev_Fadnavis #ATS pic.twitter.com/8Tjcc1e1P0
— Rajesh kumar (@journorajeshk) October 21, 2022
अनीस अंसारी के वकील शरीफ शेख ने कोर्ट में दलील की कि आरोपित ने अपना गुनाह कबूल नहीं किया था। इसी के साथ उन्होंने अनीस की उम्र और पढ़ाई आदि की दुहाई देते हुए उसके भविष्य का वास्ता भी अदालत में दिया। अनीस के लिए उनके वकील शरीफ की पैरवी में आरोपित के गरीब घर से होने और अब्बा द्वारा गार्ड की नौकरी करने जैसी बातें कहीं गई। सरकारी वकील मधुकर दलवी ने आरोपित अंसारी को कड़ी सज़ा देने की माँग की। उन्होंने कहा कि अंसारी पढ़ा लिखा है और बाद में वो अपने अधूरे मंसूबों को अंजाम दे सकता है।