भारत चीन विवादों के मद्देनजर आज (जुलाई 2, 2020) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई। इस फोन वार्ता के कुछ देर बाद दोनों देशों के बीच हुए रक्षा सौदों की जानकारी मीडिया में साझा की गई। इसमें रक्षा मंत्रालय ने रूस से 33 फाइटर जेट खरीदने का ऐलान किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने रूस से 33 नए फाइटर जेट खरीदने को मंजूरी दे दी है। इसमें 12 सुखोई-30 विमान और 21 मिग-29 भी शामिल हैं। इसके साथ ही पहले से मौजूद 59 मिग-29 को अपग्रेड भी करवाया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत 18,148 करोड़ रुपए बताई गई है।
Defence Ministry approves proposal to acquire 33 new fighter aircraft from Russia including 12 Su-30MKIs and 21 MiG-29s along with upgradation of 59 existing MiG-29s. The total cost of these projects would be Rs 18,148 crores: Defence Ministry pic.twitter.com/nMvZvBn37Y
— ANI (@ANI) July 2, 2020
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए 248 एस्ट्रा बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइलों को खरीदने को भी मंजूरी दी है।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि DRDO द्वारा एक नई 1,000 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल के डिजाइन और अन्य जरूरतों की भी मंजूरी दी गई है।
इसके अलावा रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 38,900 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें से 31,130 करोड़ रुपए की खरीदारी भारतीय उद्योग से होगी।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद पिछले महीने सेना के लड़ाकू विमानों को हासिल करने के लिए एक प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया था।
इसमें भारतीय वायुसेना ने जिन 21 मिग-29 का अधिग्रहण करने की योजना बनाई, वे रूस के हैं। रूस ने वायुसेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करने के लिए इन विमानों को बेचने की पेशकश की।
यहाँ बता दें कि LAC पर चीन के साथ उपजे विवाद के बीच फ्रांस से 6 राफेल लड़ाकू विमानों के 27 जुलाई को भारत पहुँचने की भी संभावना है। ये विमान पहले मई में भारत पहुँचने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस के कारण ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया। पर, अब अंबाला के एयरबेस पर एक साथ 6 लड़ाकू विमान आएँगे।
फ्रांस की रक्षा मंत्री ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पिछले दिनों बातचीत के दौरान आश्वासन दिया था कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद राफेल विमान तय समय के अनुसार भारत पहुँचाए जाएँगे।