Saturday, December 21, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाबेंगलुरु में स्थापित होगी Defence Space Agency: AVM धारकर होंगे एजेंसी के चीफ

बेंगलुरु में स्थापित होगी Defence Space Agency: AVM धारकर होंगे एजेंसी के चीफ

सरकार ने डिफेन्स स्पेस एजेंसी, स्पेशल ऑप्स डिवीजन और डिफेंस सायबर एजेंसी (डीसीए) को पिछले साल मंजूरी दी थी। डिफेन्स स्पेस एजेंसी अंतरिक्ष में होने वाले मिलिट्री मिशन को अंजाम देगी। यह सभी संयुक्त ट्राई सर्विस एजेंसियाँ हैं।

भारत ने कुछ दिन पहले ही अंतरिक्ष में सैटेलाइट मार गिराने की तकनीक विकसित की है जिसके बाद से ही सशस्त्र सेनाओं की एक संयुक्त एजेंसी की माँग तेज हो गई थी जो अंतरिक्ष विभाग और मिलिट्री दोनों के साथ मिलकर काम कर सके।

भारत में एक संयुक्त स्पेस कमान की बात बहुत पहले से होती रही है क्योंकि अब अंतरिक्ष भी युद्ध का क्षेत्र बन चुका है। हाल ही में भारत सरकार ने डिफेन्स साइबर एजेंसी और स्पेशल ऑपरेशन डिवीज़न का गठन किया है। इसी क्रम में ANI के हवाले से खबर आई है कि डिफेंस स्पेस एजेंसी बेंगलुरु में बनाई जाएगी तथा भारतीय वायु सेना के उच्च अधिकारी एयर वाईस मार्शल सुजीत पुष्पकर धारकर इस एजेंसी के चीफ होंगे।

सरकार ने डिफेन्स स्पेस एजेंसी, स्पेशल ऑप्स डिवीजन और डिफेंस सायबर एजेंसी (डीसीए) को पिछले साल मंजूरी दी थी। डीसीए की जिम्मेदारी नौसेना के अधिकारी रीयर एडमिरल मोहित गुप्ता को सौंपी गई है। डिफेन्स स्पेस एजेंसी अंतरिक्ष में होने वाले मिलिट्री मिशन को अंजाम देगी। यह सभी संयुक्त ट्राई सर्विस एजेंसियाँ हैं।

साइबर के अतिरिक्त स्पेस अर्थात अंतरिक्ष भी आज के समय में युद्ध का अखाड़ा बना हुआ है। जनवरी 2007 में चीन ने अपनी ही सैटेलाइट को मार गिराया था और दुनिया के सामने इसे एक दुर्घटना बताया था। वास्तव में चीन किसी सैटेलाइट को मार गिराने की अपनी क्षमता को जाँच रहा था। डीआरडीओ के अध्यक्ष वी के सारस्वत ने 2010 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस में अपने संबोधन में कहा था कि भारत भी शत्रु के सैटेलाइट मार गिराने की तकनीक विकसित कर रहा है।

आज भारत ने स्पेस एक्सप्लोरेशन ASTROSAT से लेकर नेविगेशन सैटेलाईट IRNSS तक अंतरिक्ष में स्थापित की है। देश में पूरी संचार व्यवस्था इन्हीं सैटेलाइट की सुरक्षा पर टिकी है। थलसेना, वायुसेना और नौसेना के उपकरण इस संचार व्यवस्था पर कार्य करते हैं इसलिए डिफेन्स स्पेस एजेंसी का गठन स्वागतयोग्य निर्णय है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘शायद शिव जी का भी खतना…’ : महादेव का अपमान करने वाले DU प्रोफेसर को अदालत से झटका, कोर्ट ने FIR रद्द करने से...

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को ले कर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले एक प्रोफेसर को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है।

43 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री ने कुवैत में रखा कदम: रामायण-महाभारत का अरबी अनुवाद करने वाले लेखक PM मोदी से मिले, 101 साल...

पीएम नरेन्द्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुँचे। यहाँ उन्होंने 101 वर्षीय पूर्व राजनयिक मंगल सेन हांडा से मुलाकात की।
- विज्ञापन -