विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान से बातचीत का दौर खत्म हो चुका है। उसके साथ रिश्तों की कल्पना नहीं की जा सकती। जयशंकर ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हवाला देते हुए कहा कि ‘कार्रवाई के परिणाम होते हैं’। उन्होंने भारत के इस रूख को दृढ़ता के साथ रखा कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।
शुक्रवार (30 अगस्त 2024) को दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के साथ लगातार होने वाली बातचीत का युग समाप्त हो चुका है। जहाँ तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो अनुच्छेद 370 समाप्त हो चुका है। इसलिए, मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते पर विचार कर सकते हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले पर कोई समझौता नहीं होगा।
विदेश मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान के साथ अपने व्यवहार में भारत निष्क्रिय नहीं रहेगा। उन्होंने कहा, “मैं यह कहना चाहता हूँ कि हम निष्क्रिय नहीं हैं। घटनाएँ चाहे सकारात्मक दिशा में हों या नकारात्मक दिशा में, हम निश्चित तौर पर प्रतिक्रिया देंगे।” विदेश मंत्री का यह बयान भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव को दिखाता है।
उन्होंने कहा, “हमने अतीत में पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए कई प्रयास किए, लेकिन आतंकवाद के मुद्दे पर उनकी दोहरी नीति के कारण यह संभव नहीं हो सका। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान समझे कि बातचीत के लिए उसे आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करना होगा।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद के साथ बातचीत संभव नहीं है।
Speaking at the release of Amb Rajiv Sikri’s book ‘Strategic Conundrums: Reshaping India’s Foreign Policy’ in Delhi today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 30, 2024
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जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की मुख्य रणनीति भारत को बातचीत के लिए लाने के लिए सीमा पार आतंकवाद का उपयोग करना रही है। हालाँकि, भारत ने उन शर्तों पर बातचीत करने से इनकार करके उस नीति को अप्रभावी बना दिया है, जिन शर्तों पर पाकिस्तान बातचीत करना चाहता था। पाकिस्तान को अपनी नीति पर पुनर्विचार करना होगा, यदि वह भारत के साथ बातचीत करना चाहता है।
इससे पहले जयशंकर ने कहा था कि केंद्र सरकार पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के प्रयास में आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद लगभग ‘उद्योग स्तर’ का मुद्दा बन गया है और भारत का वर्तमान मूड ऐसे खतरों को बर्दाश्त करने का नहीं है।
वहीं, बांग्लादेश के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा, “यह स्वाभाविक है कि हम मौजूदा सरकार से बात करेंगे। हमें यह स्वीकार करना होगा कि वहाँ राजनीतिक बदलाव हुए हैं और वे खतरनाक हो सकते हैं। जाहिर है, यहाँ हमें एक दूसरे के हितों की पारस्परिकता पर ध्यान देना होगा।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया के हर देश के लिए उसका पड़ोसी एक समस्या है। पूरी दुनिया को अगर ध्यान से देखा जाए तो ऐसा कोई देश नहीं है, जिसकी अपने पड़ोसी के साथ समस्याएँ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हर देश की उसके पड़ोसी के साथ कुछ न कुछ समस्याएँ जरूर सामने आएँगी।