जम्मू कश्मीर में आतंकियों की मदद करने वाले और उनके लिए हथियार-पैसा जुटाने वाले 4 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। नौकरी से निकाले जाने वाले कर्मचारियों में से 2 पुलिसकर्मी हैं। सरकार इससे पहले भी दर्जनों कर्मचारियों पर कार्रवाई कर चुकी हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने दो पुलिसकर्मी, एक शिक्षा विभाग के कर्मचारी और एक पंचायती राज कर्मचारी को नौकरी से बाहर किया है। सुरक्षा एजेंसियों को इनकी गतिविधियों पर शंका हुई थी और वह इनके खिलाफ जाँच कर रहीं थी। इनके नौकरी के नियमों का उल्लंघन करने पर बर्खास्त कर दिया गया।
बर्खास्त किए गए कर्मचारियों का नाम इम्तियाज अहमद लोन, बाजिल अहमद मीर, मुश्ताक अहमद पीर और जैद शाह हैं। इनमें से कुछ आतंकियों को हथियार और संसाधन मुहैया करवा रहे थे जबकि बाकी पाकिस्तान के ड्रग तस्करों के साथ मिलकर कश्मीर में नशा फैलाने में जुटे थे।
यह पाकिस्तान के रास्ते आई ड्रग्स को कश्मीर में फैलाते थे और उससे मिले पैसे को आतंक के लिए देते थे। अब इनको जम्मू कश्मीर सरकार की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई भी की जा रही है। यह पहली बार नहीं है जब जम्मू कश्मीर में सरकारी कर्मचारी आतंक की मदद करते पाए गए हों।
60 से अधिक पर हो चुकी कार्रवाई
जम्मू कश्मीर में इससे पहले जून में भी 4 कर्मचारियों पर ऐसी ही कार्रवाई की गई थी। इसके पहले नवम्बर, 2023 में भी 4 कर्मचारी नौकरी से निकाले गए थे, इन पर भी आतंकियों से संबंध रखने का आरोप था। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि सरकार कम से कम 55 ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर चुकी है जिनके आतंकियों से सबंध थे।
सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की पहचान के लिए एक टास्कफोर्स का भी गठन किया हुआ है। नौकरी से निकाले जाने वाले अधिकांश कर्मचारी जम्मू कश्मीर के शिक्षा विभाग या फिर पुलिस विभाग से जुड़े हैं। यह आतंकियों के लिए जमीन तैयार करने का काम करते हैं।
four employees of jammu kashmir government dismissed on terror link charges