छत्तीसगढ़ में शुक्रवार (जून 15, 2019) को पुलिस ने उत्तर बस्तर के कांकेर में हुई मुठभेड़ के बाद माओवादियों के पास से जी-3 राइफल समेत अन्य हथियार और गोला बारूद बरामद किए। हैरानी की बात ये है कि माओवादियों के पास जो राइफलें बरामद हुई वो पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं जिसके कारण सुरक्षा एजेंसियाँ चौकन्नी हो गई हैं। जानकारी के मुताबिक ये राइफल जर्मनी के हेकलर एंड कोच कंपनी द्वारा बनाई जाती है।
छत्तीसगढ़ में मारे गए माओवादियों के पास से बरामद हुईं पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली राइफल @divyeshas https://t.co/GXya4yWgRM
— आज तक (@aajtak) June 15, 2019
इन हथियारों के बरामद होने के बाद माना जा रहा है कि माओवादी पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी आतंकी संगठन के संपर्क में हैं। इनका मकसद भारत की शासन व्यवस्था के विरुद्ध खड़े होकर देश को तोड़ना है। गौरतलब है कि अभी तक पाकिस्तानी सेना और उसके आतंकी संगठन आतंकवादियों को हथियार और गोला बारूद गैर कानूनी तरीके से उपलब्ध कराते रहे हैं।
This is the second time when the forces combating the red rebel in its heartland Bastar, found a foreign make gun after an encounter.
— India Today (@IndiaToday) June 15, 2019
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आजतक में छपी खबर के अनुसार छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया है कि माओवादियों के पास से बरामद जी-3 राइफल्स का इस्तेमाल भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा नहीं किया जाता है बल्कि इनका इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना द्वारा किया जाता है। बता दें कि यह दूसरी बार है जब माओवादियों के पास से पाकिस्तानी राइफल बरामद हुई है। पिछले साल छत्तीसगढ़ पुलिस ने सुकमा में मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के पास से जी-3 राइफल बरामद की थी।