Sunday, December 22, 2024
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हिंसा की आग में जल रहे बांग्लादेश से भागे हिंदू, बंगाल बॉर्डर पर BSF ने रोका: नो मैन्स लैंड में सैकड़ों लोगों ने शरण ली, वापस लौटने से किया इनकार

BSF के DIG (उत्तर बंगाल फ्रंटियर) अमित त्यागी ने कहा, "गाँव वाले अभी भी वहीं अंतरराष्ट्रीय सीमा से 200 मीटर से 500 मीटर की दूरी पर हैं।" करीब 600 बांग्लादेशी उत्तरी बंगाल में जलपाईगुड़ी के पास नो-मैन्स लैंड छोड़ने से इनकार कर रहे हैं और भारत में प्रवेश की माँग कर रहे हैं। BSF और BGB, दोनों उन्हें वापस जाने के लिए कह रहे हैं, लेकिन वे मना कर रहे हैं।

बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच वहाँ के नागरिक भारत में अवैध रूप से घुसने की कोशिश कर रहे हैं। उत्तर बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने बुधवार (7 अगस्त 2024) को ऐसी कई कोशिशों को नाकाम कर दिया। BSF ने बताया कि बांग्लादेश के ठाकुरगाँव जिले के करीब 200 ग्रामीणों ने भारत में घुसने की कोशिश की। इनमें से ज्यादातर अवामी लीग के सदस्य और हिंदू हैं। बीएसएफ ने इन्हें रोकने के लिए हवा में गोलियाँ चलाईं।

उत्तर बंगाल फ्रंटियर BSF ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर किए गए अपने पोस्ट में लिखा, “बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर ने आज भारत-बांग्लादेश सीमा के पास बांग्लादेशी नागरिकों की भीड़ को प्रभावी ढंग से रोका। सतर्कता और बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (BGB) के साथ समन्वय किया और उन्होंने इनकी सुरक्षा सुनिश्चित की और किसी भी सीमा उल्लंघन को रोका।”

हालाँकि, ग्रामीणों ने बांग्लादेश लौटने से इनकार कर दिया, क्योंकि भीड़ आवामी लीग के सदस्यों और हिंदुओं की तलाश कर रही थी। वहाँ से भागे लोग दोनों देशों के बीच स्थित नो-मैन्स लैंड में ही रुके रहे। सीमा का वह हिस्सा बिना बाड़ का है। इसलिए बीएसएफ को उन्हें भारत से बाहर रखने के लिए एक मानव अवरोध बनाना पड़ा।

BSF के DIG (उत्तर बंगाल फ्रंटियर) अमित त्यागी ने कहा, “गाँव वाले अभी भी वहीं अंतरराष्ट्रीय सीमा से 200 मीटर से 500 मीटर की दूरी पर हैं।” करीब 600 बांग्लादेशी उत्तरी बंगाल में जलपाईगुड़ी के पास नो-मैन्स लैंड छोड़ने से इनकार कर रहे हैं और भारत में प्रवेश की माँग कर रहे हैं। BSF और BGB, दोनों उन्हें वापस जाने के लिए कह रहे हैं, लेकिन वे मना कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिख रहा है कि भारत में प्रवेश करने के लिए ठाकुरगाँव जिले के टेम्काभिता गाँव में नदी पार कर रहे बांग्लादेशी हिंदुओं और अन्य लोगों को भीड़ द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। गाँव के सभी लोग अपना घर-बार छोड़कर जरूरी सामान के साथ पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनजापुर जिले की सीमा पर पहुँचे है। वहाँ, उन्हें BSF ने उन्हें रोक रखा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा पर कई जगहों पर ऐसे दृश्य देखने को मिल रहे हैं। एक अन्य स्थान पर BSF ने छह लोगों को जीरो पॉइंट पर रोका है। उस क्षेत्र में सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ नहीं होने के कारण यह अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के लिए आकर्षक जगह बन गई है। इसके कारण BSF कर्मियों पर बहुत अधिक दबाव पड़ रहा है।

मंगलवार (6 अगस्त 2024) की रात को स्थिति तब और बिगड़ गई जब आवामी लीग के पूर्व सांसद कमरुल अरेफिन, उनकी पत्नी और दो बेटियों ने पेट्रापोल-बेनापोल सीमा क्रॉसिंग पर बिना वैध वीजा के भारत में प्रवेश करने का प्रयास किया। उन्होंने अपने देश में जान का खतरा बताते हुए भारत में प्रवेश की अपील की थी।

हालाँकि, BSF ने उन्हें रोक दिया और वापस बांग्लादेश भेज दिया। वहाँ BGB ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उसी तरह बुधवार (7 अगस्त 2024) को बीजीबी ने दर्शना सीमा चौकी पर अवामी लीग के दो और राजनेताओं को रोक लिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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