Tuesday, November 19, 2024
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आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए IAF ने किए स्वदेशी फाइटर जेट तेजस पाक बॉर्डर पर तैनात

“एलसीए तेजस को भारतीय वायुसेना द्वारा पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान सीमा के करीब तैनात किया गया है, ताकि वहाँ से होने वाली किसी भी संभावित कार्रवाई पर कड़ी निगरानी रखी जा सके और उसका माकूल जवाब दिया जा सके।”

चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान सीमा के साथ पश्चिमी मोर्चे पर स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस तैनात किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन का सहयोग करते हुए पाकिस्तान, भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने का प्रयास कर सकता है। ऐसे में उसे करार जवाब देने के लिए पाकिस्तान से लगने वाले पश्चिमी सीमा पर तेजस को तैनात किया गया है। तेजस भारत का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान है। वायु सेना ने इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से खरीदा है।

सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “एलसीए तेजस को भारतीय वायुसेना द्वारा पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान सीमा के करीब तैनात किया गया है, ताकि वहाँ से होने वाली किसी भी संभावित कार्रवाई पर कड़ी निगरानी रखी जा सके और उसका माकूल जवाब दिया जा सके।”

सूत्रों ने बताया कि दक्षिणी वायु कमान के तहत सुलूर से बाहर पहले तेजस स्क्वाड्रन ’45 स्क्वाड्रन (फ्लाइंग डैगर्स)’ को एक ऑपरेशनल भूमिका के तहत तैनात किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान स्वदेशी तेजस विमान की प्रशंसा की थी और कहा था कि ‘एलसीए मार्क-1 ए’ संस्करण को खरीदने का सौदा जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। 

एक तरफ जहाँ तेजस लड़ाकू विमानों का पहला स्क्वॉड्रन इनिशियल ऑपरेशनल क्लियरेंस वर्जन का है, वहीं दूसरी तरफ दूसरा स्क्वॉड्रन (18 स्क्वॉड्रन) ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस वर्जन का है। इस स्क्वॉड्रन का एयर फोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने 27 मई को सुलुर एयरबेस पर ऑपरेशन शुरू किया था।

उम्मीद की जा रही है कि एयर फोर्स और रक्षा मंत्रालय इस साल के आखिर तक 83 ‘मार्क-1 ए’ एयरक्राफ्ट की डील को फाइनल कर लेंगी। सीमा पर चीन की आक्रामकता के बीच एयर फोर्स ने चीन के साथ-साथ पाकिस्तान सीमा पर भी अपने लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ाई है।

एयर फोर्स के अग्रिम मोर्चे पर स्थित एयरबेसों को वेस्टर्न और नॉर्दर्न फ्रंट की स्थितियों पर नजर रखने के लिए पूरी तरह सुसज्जित किया गया है। इन एयर बेसों से पिछले कुछ दिनों से रात हो या दिन लड़ाकू विमान आसमान में उड़ान भरते देखे जा सकते हैं।

फाइटर जेट तेजस की खासियत

तेजस हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाये जा सकते हैं। तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है। तेजस सिंगल सीटर पायलट फाइटर जेट है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है। तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊँचाई तक उड़ान भर सकता है।

तेजस 2222 किमी/घंटे की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है। यह फाइटर जेट 3000 किमी तक एक बार में उड़ान भर सकता है. तेजस 43.4 फीट लंबा और 14.9 फीट ऊँचा है। सभी हथियारों के साथ तेजस का वजन 13,500 किलोग्राम है। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें – डर्बी, पाइथन-5, आर-73, अस्त्र, असराम, मेटियोर तेजस में फिट किए जा सकते हैं।

वहीं, हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें – ब्रह्मोस-एनजी और डीआरडीओ एंटी-रेडिएशन मिसाइल और ब्रह्मोस-एनजी एंटी शिप मिसाइल भी इसमें फिट होते हैं। इसके अलावा इस पर लेजर गाइडेड बम, ग्लाइड बम और क्लस्टर वेपन लगाए जा सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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