भारतीय सेना ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ नामक प्रोग्राम लॉन्च करने की तैयारी में है। मकसद है, आम लोगों को सेना में सेवा करने का मौका देना। यदि इस प्रस्ताव पर मुहर लगती है तो आम लोग भी 3 साल तक सेना में काम कर सकेंगे।
बुधवार (13 मई 2020) को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने कहा कि आम नागरिकों को सेना भर्ती करने का विचार तब आया जब उन्होंने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का दौरा करने पर पाया कि युवा सेना के जीवन का अनुभव करने के लिए हमेशा उत्सुक रहते है। उन्होंने कहा, “जब हमारे अधिकारियों ने कॉलेजों में युवाओं को संबोधित किया, तो यह महसूस किया कि विद्यार्थी सेना के जीवन का अनुभव करना चाहते हैं, लेकिन कैरियर के रूप में नहीं।”
सेना प्रमुख ने कहा कि इससे हमारे दिमाग में यह विचार आया कि क्यों न युवाओं को दो-तीन साल तक अपने देश की सेवा करने का अवसर दिया जाए। देश के बेस्ट टैलेंट को अपनी कुनबे में शामिल करने से भारत को अत्यधिक लाभ होगा। साथ ही यह समाज को भी अनुशासित और लाभान्वित करेगा।
सेना में वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, टूर ऑफ ड्यूटी (टीओडी) के प्रस्तावित मॉडल को सीमित संख्या में सेना में अधिकारियों और अन्य रैंकों के लिए परीक्षण के आधार पर लागू किया जाएगा। मॉडल सफल होने पर वैकेंसी बढ़ाई भी जाएँगी। साथ ही यह प्रस्ताव तीन साल के सशस्त्र बलों के इंटर्नशिप को परमानेंट जॉब में भी बदल दिया जाएगा।
आपको बता दे टीओडी योजना, अधिकारियों के लिए लगभग 100 रिक्तियों और जवानों के लिए 1,000 के साथ शुरू की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम भारतीय सशस्त्र बलों के लिए प्रशिक्षण, वेतन और भत्ते के रूप में बड़ी लागत बचा सकता है। नए मॉडल के तहत शामिल होने वाले लोगों पर 80-85 लाख रुपये खर्च होंगे, जबकि शार्ट सर्विस कमीशन के एक अधिकारी पर 6 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो जाते हैं जो 14 वर्ष तक सेवा प्रदान करते हैं।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि तीन साल आर्मी ज्वाइन किए हुए व्यक्तियों से कॉरपोरेट्स को भी लाभ होगा। सेना टीओडी योजना के अंतर्गत काम करने वाले अधिकारियों और जवानों को कुछ राशि देने के प्रस्ताव के बारे में भी सोच रही है। साथ ही अधिकारी यह भी कोशिश कर रहें हैं कि इस प्रस्तावित योजना के तहत आइआइटी जैसे टॉप इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले युवा भी इससे जुड़े।
“टूर ऑफ ड्यूटी” मॉडल इज़रायल या कुछ अन्य देशों की तरह कॉन्सक्रिप्शन ’या अनिवार्य सैन्य सेवाओं के समान नहीं होगा। हालाँकि, यह पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा और इसमें शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए चयन मानदंड में कोई छूट नहीं दी जाएगी।
कथित तौर पर, सेना के पास वर्तमान में लगभग 43,000 अधिकारी हैं। इनमें से लगभग 80% स्थायी आयोग (पीसी) कैडर और 11.8 लाख अन्य रैंक के हैं। शॉर्ट-सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारी के लिए न्यूनतम सेवा कार्यकाल 10 वर्ष है और उनमें से 50-60% को कम से कम 54 वर्ष की आयु तक और उसके बाद पेंशन का लाभ पाने के लिए स्थायी कमीशन दिया जाएगा।