पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक ने आतंकी संगठनों की कमर तोड़ दी है। आतंकी संगठनों को भर्ती के लिए कश्मीरी युवा नहीं मिल रहे। संसद में सरकार ने बताया है कि स्थानीय युवकों की भर्ती में 40% की कमी आई है। बीते साल के मुकाबले सीमा पार से घुसपैठ में 43% की कमी आई है। ये आँकड़े इस साल के शुरुआती 6 महीने के हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि सुरक्षा बलों के प्रयासों और सरकार की इच्छाशक्ति के कारण इस वर्ष घुसपैठ में कमी आई है।
संसद में सरकार द्वारा पेश किए गए आँकड़ों के अनुसार:
- पाकिस्तान से होने वाले घुसपैठ में 43% कमी आई है।
- आतंकी हमलों में 28% कमी आई है।
- आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की भर्ती में 40% कमी आई है।
- आतंकियों के सफाए में 22% की बढ़ोतरी हुई है।
बता दें कि पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया था। हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ सामने आने के बाद भारतीय वायुसेना ने इस आतंकी संगठन के सबसे बड़े कैम्प को निशाना बनाया और सैंकड़ों आतंकी मार गिराए थे। मोदी सरकार शुरू से कहती आ रही है कि आतंकवाद पर उसकी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है।
देश में घुसपैठ की घटनाओं में 43 प्रतिशत की कमी आई है। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने #लोकसभा में लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने सीमा पार से घुसपैठ रोकने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है।
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) July 9, 2019
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि सरकार पाकिस्तान में स्थित आतंकवाद की जड़ों को निशाना बनाने में यकीन रखती है। बीते दिनों उन्होंने जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया था। उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी हालात पर चर्चा की थी। शाह ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर बंकरों के निर्माण में तेज़ी लाने की भी बात कही थी।