जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 से आर्टिकल 370 निष्क्रिय हो जाने के बाद सुरक्षा लिहाज से बंद की गई ब्रॉडबैंड सेवा और एसएमएस सेवा को कल (दिसंबर 31, 2019) शाम सरकारी अस्पतालों में बहाल कर दिया गया।
मंगलवार आधी रात से कश्मीर के सभी इलाकों में एसएमएस सुविधा शुरु हुई और साथ ही स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों में इंटरनेट सेवा को भी शुरू कर दिया गया। कश्मीर वासियों के लिए सरकार का यह कदम नए साल पर तोहफे जैसा है।
Broadband internet service was restored in government-run hospitals and SMS facilities were restored on all mobile phones starting at midnight on Tuesday in #Kashmir.https://t.co/qccKLxEjtr
— India Today (@IndiaToday) January 1, 2020
इस संबंध में जानकारी देते हुए जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने मीडिया को बताया, “सभी सरकारी अस्पतालों में 31 दिसंबर मध्यरात्रि से इंटरनेट सेवा और सभी मोबाइल फोन पर पूरी तरह से एसएमएस सेवा बहाल करने का निर्णय लिया गया है।”
प्रधान सचिव के मुताबिक, “अभी यह फैसला नहीं लिया गया है कि इंटरनेट सेवाएं कब शुरू की जाएँगी। यह मुद्दा सरकार के संज्ञान में है। स्थिति सुधरने के साथ जल्द ही इंटरनेट सेवा भी शुरू कर दी जाएगी।”
Jammu and Kashmir Principal Secretary Rohit Kansal: SMS services to be restored from midnight, December 31 in Kashmir valley. (File pic) pic.twitter.com/GBdhJUFx05
— ANI (@ANI) December 31, 2019
बता दें इससे पहले प्रशासन कश्मीर के कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट के अलावा लैंडलाइन जैसी सेवाएँ शुरु कर चुका है। लेकिन प्रीपेड की सुविधा अभी भी कश्मीर में शुरु होना बाकी है।
10 दिसंबर को प्रधान सचिव ने बताया था कि इससे पूर्व कश्मीर में मोबाइल फोन पर बहाल की गई एसएमएस सेवाएँ, छात्रों, छात्रवृत्ति के इच्छुक छात्रों, व्यापारियों और अन्य लोगों की मदद के लिए थी। साथ ही यह चरण पूर्ण संदेश सेवाओं की बहाली प्रक्रिया का हिस्सा था।
नौशेरा में दो जवान शहीद
गौरतलब है कि एक ओर जहाँ राज्य में स्थिति सुधरने के कारण इंटरनेट सेवा बहाली की खबर आई हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में सर्च ऑपरेशन के दौरान दो भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हो गए। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने घात लगाकर जवानों पर हमला बोला। पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली गई है। सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है और आतंकियों को ढूंढा जा रहा है।
Two Indian Army soldiers have lost their lives during a cordon & search operation in Nowshera sector(J&K). The operation is still in progress. Further details awaited. pic.twitter.com/yIk6GMdZzD
— ANI (@ANI) January 1, 2020
5 अगस्त के बाद राज्य में दिखा फर्क़
बता दें, आर्टिल 370 समाप्त हो जाने के बाद कई लोग सरकार के इस कदम पर सवाल उठा रहे थे, लेकिन मंगलवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बताया कि आखिर इस कदम के बाद वहाँ पर क्या फर्क़ आया है।
उन्होंने बताया, “2019 में 160 आतंकवादी मारे गए और 102 को गिरफ्तार किया गया जबकि आतंकवादी संगठनों में शामिल होने वाले स्थानीय युवाओं की संख्या में कमी आई है।” मीडिया से बातचीत में डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, “2018 में इस तरह के 218 (स्थानीय) युवक आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए थे लेकिन 2019 में केवल 139 शामिल हुए।