जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों के बाद अब उनके समर्थकों और शरणदाताओं के खिलाफ भी बड़ा कदम उठाया है। अब आतंकियों को अपनी मर्जी से शरण देने और अपनी जमीनों का उपयोग करने की छूट देने वाले लोगों की प्रॉपर्टी जब्त की जाएगी।
पुलिस के अनुसार यदि किसी के घर में कोई आतंकी जबरन शरण लेता है तो घर के मुखिया को जल्द से जल्द पुलिस को सूचना देनी होगी। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। श्रीनगर पुलिस ने यह आदेश शुक्रवार (25 मार्च) को जारी किया।
The attachments being done are for properties where it has been proved beyond doubt that the house owner/member had wilfully provided shelter/ harboured terrorists, in most cases for days together and that it was not done under any duress whatsoever. 2/8
— Srinagar Police (@SrinagarPolice) March 26, 2022
श्रीनगर पुलिस ने इस कदम को आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति बताया है। पुलिस के मुताबिक:
“उनकी ही प्रॉपर्टी जब्त होगी, जो विधिवत जाँच के बाद आतंकी को शरण देने के दोषी पाए जाएँगे। आतंकी न सिर्फ सुरक्षा बलों पर हमला करते हैं बल्कि उनके निशाने पर बेगुनाह नागरिक भी होते हैं। लोगों से अपील की जाती है कि वो किसी भी प्रकार की अफवाह पर यकीन न करें। साथ ही हम आगाह करते हैं कि किसी भी आतंकी को अपने संसाधनों का प्रयोग न करने दें।”
The decision regarding enforcement of these sections of UAP Act is due to the fact that many supporters of terrorism are wilfully providing harbour and safe havens to terrorists who conduct attacks on civilians and security forces in Srinagar City. 4/8
— Srinagar Police (@SrinagarPolice) March 26, 2022
पुलिस ने आगे कहा, “सभ्य समाज में आतंकी और आतंकियों के समर्थकों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है हमारी। यह UAPA एक्ट 1967 की सेक्शन 2 (g) और सेक्शन 25 में काफी पहले से लागू है। यह कार्रवाई इसी नियम के अनुसार होगी।”
The onus will always lie on the house owner/member to prove duress by informing the authorities well in time that there is/was forceful entry of terrorists into his/her house. 6/8
— Srinagar Police (@SrinagarPolice) March 26, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक IPS राकेश बलवाल ने ऐसे कई घरों की पहचान करने का दावा किया है, जिन्होंने आतंकियों की मदद की। ये पहचान साल 2020-21 में हुई मुठभेड़ों के बाद की गई है। डाउनटाउन, सौरा, पंथा चौक, बटमालू, नौगाम, हरवन में मौजूद एक दर्जन से अधिक घर ऐसे कार्यों में शामिल रहे हैं।
There is and will always be zero tolerance towards terrorism and supporters of terrorism in a civilised society like ours. 8/8
— Srinagar Police (@SrinagarPolice) March 26, 2022
पहले भी जब्त हो चुकी हैं सम्पत्तियाँ
एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रीनगर पुलिस द्वारा जारी आदेश के पहले भी आतंकियों और उनके समर्थकों की सम्पत्तियों को ज़ब्त किया जा चुका है। 25 जनवरी 2021 को पुलवामा के अवंतीपोर में पुलिस ने आतंकियों के एक समर्थक का मकान अटैच किया था। वह मकान जैश-ए-मोहम्मद के एक ओवरग्राउंड वर्कर का था। इस मकान में साल 2020 में हुए मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी और सेना के एक जवान बलिदान हुए थे।
इससे पहले 30 जून 2012 को पुलिस ने हरकत उल जिहादी इस्लामी नाम के आतंकी दल के गुलाम मोहम्मद खान के घर को सील किया था। यह घर छन्नपोरा में था। उसी दिन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी अब्दुल मजीद लोन व उसके अब्बा अब्दुल रज्जाक लोन की जमीन भी पुलिस ने अटैच की थी। ये जमीन उत्तरी सोपोर के बागुव में थी और इसका क्षेत्रफल 15 कनाल था। इस प्रक्रिया के दौरान आतंकी अब्दुल मजीद पाकिस्तान में था।
आतंकियों का साथ नागरिक मजबूरी में देते हैं या चाहत होती है, यह जाँच का विषय है… लेकिन नेता भी इसमें कूद जाएँ तो देश को दिशा कौन देगा? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि श्रीनगर पुलिस के नए आदेश का नेशनल कॉन्फ़्रेंस के कुछ नेताओं ने विरोध किया है।