आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के चीफ परमजीत सिंह पंजवार की शनिवार (6 मई 2023) को पाकिस्तान के लाहौर में हत्या कर दी गई। अज्ञात हमलावरों ने जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर उसे गोली मार दी। भारत में प्रतिबंध के बाद वह मलिक सरदार सिंह के नाम से 1990 से ही पाकिस्तान में रह रहा था।
जानकारी के अनुसार, शनिवार की सुबह 6 बजे बाइक पर आए दाे लोगों ने यह हमला किया और फरार हो गए। इस हमले में पंजवार के दो सुरक्षाकर्मियों के भी मारे जाने की खबर है। परमजीत पाकिस्तान से ही खालिस्तानी गतिविधियों को हवा देने के साथ-साथ ड्रग्स और हथियारों की तस्करी करता था।
परमजीत सिंह पंजवार भारत विरोधी गतिविधियों में 90 के दशक से पहले से ही सक्रिय था। बताया जाता है कि वह 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के साथ KCF में शामिल हुआ था। इसके पहले वह सोहल में एक केंद्रीय सहकारी बैंक में काम करता था।
भारतीय सुरक्षा बलों ने लाभ सिंह को मार गिराया। उसके बाद 1990 के दशक में खालिस्तान कमांडो फोर्स की कमान परमजीत सिंह के हाथों में आ गई। सरकार की नजर उस पर पड़ी तो वह पाकिस्तान भाग गया और वहीं रहने लगा। हालाँकि, पाकिस्तान इससे इंतजार करता रहा है। परमजीत की पत्नी और बच्चे जर्मनी में रहते हैं।
परमजीत पंजाब के तरनतारन जिले के झब्बाल थाने में आने वाले पंजवार गाँव का रहने वाला था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020 में 9 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें उसका नाम 8वें पर था। इस लिस्ट में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के चीफ वाधवा सिंह बब्बर का नाम भी है, जो तरनतारन में ही दासूवाल गाँव का रहने वाला है।
परमजीत ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान से पंजाब में ड्रग और हथियारों की तस्करी करता था। इन पैसों का इस्तेमाल वह खालिस्तान कमांडो फोर्स के संचालन में करता था। परमजीत पाकिस्तान में ही रह रहे BKI के चीफ वाधवा सिंह और इंडियन सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे के साथ मिलकर पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट को हवा दे रहा था।
लगभग 33 सालों से पाकिस्तान में बैठे परमजीत की ताजा फोटो पुलिस के पास नहीं है। पुलिस के पास उसकी 35 साल पुरानी तस्वीरें ही है, जो उसके घर से बरामद हुई थी। पंजाब के ही डरोली कलां का रहने वाला करणवीर सिंह और नामी गैंगस्टर लक्की पटियाला भी BKI से जुड़े हुए हैं। इनमें करणवीर सिंह वाधवा सिंह के साथ पाकिस्तान में मौजूद है, जबकि लक्की पटियाला आर्मेनिया पहुँच गया है।
अक्टूबर 2020 में पंजाब के तरनतारन में शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या के पीछे परमजीत का ही हाथ था। बलविंदर सिंह संधू ने पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। 30 जून 1999 में चंडीगढ़ में पासपोर्ट कार्यालय के पास हुए बम विस्फोट में भी परमजीत का हाथ था। इस ब्लास्ट में 4 लोग घायल हो गए थे।