नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने फरार खालिस्तानी आतंकवादी गुरजीत सिंह निज्जर को दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया है। निज्जर को कथित तौर पर अलग खालिस्तान राज्य बनाने के लिए भारत में फिर से सिख आतंकवाद को जन्म देने की आपराधिक साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
NIA has arrested absconding Khalistani terrorist Gurjeet Singh Nijjar at Delhi airport, Pune Khalistan case. He was hiding in Cyprus: National Investigation Agency pic.twitter.com/zAg0gNrXYU
— ANI (@ANI) December 23, 2020
रिपोर्ट के अनुसार, आरोप है कि निज्जर साल 2017 में भारत से फरार होकर यूरोप चला गया था और इन दिनों यूरोप के साइप्रस में रह रहा था। उसके खिलाफ महाराष्ट्र के पुणे में आपराधिक मुकदमा दर्ज है। एनआईए निज्जर को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर मुंबई जा रही है जहाँ उसे विशेष अदालत के सामने पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा।
बता दें गृह मंत्रालय ने 26 जनवरी को लेकर सभी एजेंसियों को एलर्ट कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस आतंकी संगठनों से जुड़े सभी भगोड़ों पर पैनी नजर गड़ाए हुए थी। वहीं खालिस्तानी आतंकी गुरजीत सिंह निज्जर मुख्य रूप से पुलिस की रडार पर था। निज्जर अपने स्लीपर सेल के जरिए राजधानी दिल्ली में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की रणनीति बनाने में हमेशा शामिल रहा है।
इसी के तहत एजेंसी को मुखबिरों से सूचना मिली थी कि आतंकी गुरजीत किसी अन्य जगह पर जाने की फिराक में है। और इसके लिए वह दिल्ली एयरपोर्ट का इस्तेमाल करेगा। इसके बाद से ही एजेंसी ने गुरजीत को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि निज्जर, मुख्य साजिशकर्ता हरपाल और मोइन खान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय थे और उन्होंने कथित तौर पर अलग खालिस्तान राज्य बनाने के मकसद से सिख आतंकवाद को जन्म देने की आपराधिक साजिश रची थी।
अधिकारी के अनुसार साजिश के तहत तीनों आतंकवादी ऐसे वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करते थे जिनमें जगतार सिंह हवारा (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी) की तारीफ होती थी। इसमें 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार, बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबंधित सामग्री होती थी। उनका एकमात्र इरादा तथाकथित खालिस्तान आंदोलन में समान विचारों वाले सिख युवकों को जोड़ना था।
गौरतलब है कि इससे पहले राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने रेफरेंडम 2020 (सिख फॉर जस्टिस) मामले में 16 विदेशी खालिस्तानियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। दरअसल एनआईए को जाँच में पता चला था कि अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने मानवाधिकारों की वकालत के नाम पर यह संगठन बनाया और अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन तथा आस्ट्रेलिया जैसे देशों में इसके कार्यालय बनाए गए है।
इसके अलावा NIA ने खालिस्तानी आतंकी धरमिंदर सिंह के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। रिपोर्ट के अनुसार उसने प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘खालिस्तानी लिबरेशन फ्रंट (KLF)’ की गतिविधियों को आगे बढ़ाया था और सीमा पार से आतंकी नेटवर्क को बढ़ावा देने में भी उसकी सहभागिता थी।