वैश्विक जिहादी संगठन आइएस के तमिलनाडु अंसरुल्ला मॉड्यूल की तहकीकात कर रही आतंकरोधी जाँच एजेंसी NIA ने तमिलनाडु में संदिग्ध ऑपरेटिव के घर छापेमारी की। तिरुनेलवेली जिले में पड़े इस छापे के लिए राज्य की राजधानी चेन्नै स्थित विशेष NIA अदालत ने एजेंसी को इसके लिए वारंट प्रदान किया था। जाँच IS के तमिलनाडु-केरल में सक्रिय माने जा रहे अंसारुल्ला मॉड्यूल के बाबत चल रही है।
3 मोबाइल, 4 सिम कार्ड बरामद
संदिग्ध ऑपरेटिव एम दीवान मुजीपीर के आवास पर पड़े इस छापे के बारे में NIA के एक प्रवक्ता ने मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि छापे में NIA को 3 मोबाइल फ़ोन, 4 सिम कार्ड, एक मेमोरी कार्ड मिलने के अलावा संदेहास्पद दस्तावेज़ भी हाथ लगे हैं। प्रवक्ता का यह भी कहना था कि अपनी जाँच के दौरान NIA को मुजीपीर के अंसारुल्ला मॉड्यूल से जुड़े होने की बात उन्हें पता चली। ज़ब्त दस्तावेज़ों और अन्य चीज़ों को अदालत के सामने पेश किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा जाएगा। NIA की जानकारी के हिसाब से अंसारुल्ला मॉड्यूल को आइएस के अलावा अल कायदा का भी समर्थन प्राप्त है। इसके पहले इस मामले में NIA ने 9 जुलाई को भी छापेमारी की थी।
जिहाद की चल रही थी तैयारी
गत 9 जुलाई को NIA ने 16 आरोपितों के ख़िलाफ़ प्रतिबंधित जिहादी संगठनों आइएस/दएश, अल कायदा और सिमी के प्रति निष्ठा रखने का मुकदमा दर्ज किया था। आरोप था कि आरोपित व्यक्ति अंसारुल्ला नामक आइएस मॉड्यूल बनाने की तैयारी में लगे थे, ताकि भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ा जा सके। इसके लिए वीडियो और अन्य प्रोपेगंडा सामग्री के ज़रिए लोगों को बरगलाने के अलावा अपने समर्थकों से विस्फ़ोटकों, विष, चाकुओं और वाहनों के ज़रिए जिहाद करने की अपील की जा रही थी।
दो ‘खेपों’ में हुई गिरफ़्तारी
NIA ने इस सिलसिले में हसन अली, हरीश मोहमद, मोहमद इब्राहिम, मीरां ग़नी, गुलाम नबीसत, रफ़ी अहमद, मुन्तशिर उमर बारूक, और फारूक को 13 जुलाई को गिरफ़्तार कर लिया था। इसके बाद 15 जुलाई को मोहमद शेख मैतीन, अहमद अज़रुद्दीन, तौफ़ीक़ अहमद, मोहमद इब्राहिम, मोहमद अफ़ज़ार, मोहिदीन सीनी शाहुल हमीद और फज़ल शरीफ़ को गिरफ़्तार कर लिया गया।