पाकिस्तान द्वारा जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद को गिरफ्तार किए जाने के कुछ ही दिन बाद, भारत की राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने सईद पर शिकंजा कसते हुए कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक ने आतंकवादी संगठन के स्लीपर सेल की स्थापना के लिए देश में एक विशाल हवाला नेटवर्क बनाया था। NIA ने शुक्रवार (जुलाई 19, 2019) को फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (FIF) से जुड़े तीन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया। ये आरोपित खूंखार आतंकवादी हाफिद सईद के कहने पर दिल्ली और हरियाणा में स्लीपर सेल और लॉजिस्टिक बेस बनाने में शामिल था।
NIA files supplementary chargesheet against accused Mohd Hussain Molani.Investigation reveals Falah-i-Insaniyat Foundation chief Hafiz Mohd Saeed&Dy Chief(FIF) Shahid Mahmood conspired in 2012 to create sleeper cells&logistic base in Delhi&Haryana under garb of religious work. pic.twitter.com/TZMMJRfVRE
— ANI (@ANI) July 20, 2019
जाँच एजेंसी ने आरोपित मोहम्मद हुसैन मोलानी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। NIA द्वारा की गई जाँच में पता चला कि फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद के साथ-साथ उप प्रमुख शाहिद महमूद ने दिल्ली और हरियाणा में मज़हबी कार्यों की आड़ में 2012 में स्लीपर सेल और लॉजिस्टिक बेस बनाने की साजिश रची थी। NIA के मुताबिक, उन्होंने मस्जिद का निर्माण, धार्मिक शिक्षा के लिए मदरसा और समुदाय विशेष की गरीब लड़कियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने जैसे धार्मिक काम की आड़ में अपनी साजिश में अंजाम देने की साजिश रची थी।
#Breaking | NIA has filed supplementary chargesheet in case relating to Falah-e-Insaniyat Foundation. More details by @NikunjGargN. pic.twitter.com/bURrSUSmIR
— TIMES NOW (@TimesNow) July 20, 2019
आरोपित मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सलीम उर्फ मामा और पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद कामरान के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17, 20 और 21 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मोहम्मद कामरान फिलहाल फरार है।
एजेंसी ने बताया कि, इस साजिश को अंजाम देने के लिए शाहिद महमूद ने अपने सहयोगी मोहम्मद कामरान को दुबई स्थित एक पाकिस्तानी नागरिक को पाकिस्तान से दुबई और फिर हवाला चैनलों के माध्यम से भारत भेजने का काम सौंपा था और फिर उससे मज़हबी विचार वाले भारतीयों की पहचान करने के लिए कहा गया था, जिन्हें मस्जिद के निर्माण, मदरसा में शिक्षा, मजहब की लड़कियों की शादी के नाम पर पैसे देकर इसमें फँसाया जा सके।
इनका उद्देश्य इन्हें फँसाकर इनका इस्तेमाल स्लीपर सेल और ठिकाने बनाने के लिए किया जाना था। इसके लिए मोहम्मद कामरान ने दुबई के कुछ भारतीयों की पहचान भी की थी, जिनमें नई दिल्ली के एक मोहम्मद सलमान शामिल था। जाँच एजेंसी ने कहा कि उसने मज़हबी कार्यों के नाम पर अवैध रूप से हवाला के जरिए बड़ी रकम ट्रांसफर करनी शुरू भी कर दी थी।
हरियाणा के पलवल जिले के उत्तावर में खुल्फा-ए-रशीदीन मस्जिद के निर्माण और समुदाय विशेष की लड़कियों की शादी के लिए मोहम्मद सलमान को दुबई से मोहम्मद कामरान से बड़ी रकम दी थी। जाँच एजेंसी ने कहा कि आरोपितों हाफिज मोहम्मद सईद, शाहिद महमूद, मोहम्मद आरिफ गुलामबाशिर धरमपुरिया और मोहम्मद हुसैन मोलानी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 173 (8) के तहत आगे की जाँच जारी है।