Wednesday, November 20, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाजमात-ए-इस्लामी के विरुद्ध टेरर फंडिंग केस में NIA की बड़ी कार्रवाई, J&K में 56...

जमात-ए-इस्लामी के विरुद्ध टेरर फंडिंग केस में NIA की बड़ी कार्रवाई, J&K में 56 ठिकानों पर मारी रेड

एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए ने कश्मीर के सभी 10 जिलों और जम्मू प्रांत के 4 जिलों- रामबन, किश्तवाड़, डोडा और राजौरी में 56 स्थानों पर संयुक्त छापेमारी की। इस दौरान एजेंसी ने दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों को जब्त किया।

जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ दर्ज एक मामले में प्रदेश पुलिस और सीआरपीएफ की मदद से रविवार (अगस्त 8, 2021) को लगभग 56 स्थानों पर छापेमारी की।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, NIA के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए ने कश्मीर के सभी 10 जिलों और जम्मू प्रांत के 4 जिलों- रामबन, किश्तवाड़, डोडा और राजौरी में 56 स्थानों पर संयुक्त छापेमारी की। इस दौरान एजेंसी ने दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों को जब्त कर लिया। एजेंसी प्रवक्ता ने कहा, “प्रतिबंधित संगठन के पदाधिकारियों, सदस्यों और कथित तौर पर जमात-ए-इस्लामी द्वारा संचालित ट्रस्ट के कार्यालय परिसरों में आज तलाशी अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान, संदिग्धों के परिसर से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।”

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी का हालिया एक्शन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है। पूरी कार्रवाई के दौरान श्रीनगर में सौरा निवासी गाजी मोइन-उल इस्लाम के आवास और नौगाम में अलगाववाद का बीज बोने वाले फलाह-ए-आम ट्रस्ट पर भी छापेमारी हुई। इसके अलावा बांदीपोरा में पूर्व जमात अध्यक्ष के आवास, अनंतनाग जिले में मुश्ताक अहमद वानी पुत्र गुलाम हसन वानी, नजीर अहमद रैना पुत्र गुलाम रसूल रैना, फारूक अहमद खान पुत्र मोहम्मद याकूब खान और आफताक अहमद मीर, अहमदुल्ला पारे के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई है। बडगाम जिले में डॉ मोहम्मद सुल्तान भट, गुलाम मोहम्मद वानी और गुलजार अहमद शाह समेत कई जमात नेताओं के आवासों पर छापेमारी हुई। 

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत जमात-ए-इस्लामी को 5 साल के लिए इस आधार पर प्रतिबंधित किया था कि वह आतंकवादी संगठनों के ‘करीबी संपर्क’ में था और उसपर प्रदेश में अलगाववादी आंदोलन को बढ़ाने की आशंका थी। इसके अलावा अभी हाल में एनआईए ने 5 फरवरी 2021 को इस जमात-ए-इस्लामी पर अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक मामला दर्ज किया है। इस संगठन को हिजबुल मुजाहिदीन का राजनीतिक चेहरा कहा जाता है। इसका काम आतंकियों को प्रशिक्षण देना, वित्तीय मदद करना, शरण देना और हर संसाधन मुहैया कराना था। इसके अलावा इसे कई आतंकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

यूपी में उपचुनाव के दौरान हिंसा, मीरापुर में सपा समर्थकों पर पथराव का आरोप: NDA प्रत्याशी ने कहा- बाहर से असलहे लेकर लोगों को...

उत्तर प्रदेश के मीरापुर में विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग के दौरान पथराव और हिंसा हुई है। आरोप समाजवादी पार्टी पर लगा है।

विनोद तावड़े पर ताबड़तोड़ ट्वीट, सुप्रिया सुले के ‘बिटकॉइन घोटाले’ पर चुप्पी: क्या पिता दिलीप सरदेसाई पर शरद पवार के अहसानों का बदला चुका...

खुद को निष्पक्ष दिखाने की कोशिश करने वाले पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने विनोद तावड़े को लेकर कई ट्वीट किए, लेकिन सुप्रिया सुले पर चुप्पी साध ली।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -