नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आज सोमवार को एटीएस के प्रमुखों के साथ बैठक करते हुए आतंकी गतिविधियों से संबंधित कई अहम खुलासे किए। इस दौरान कॉन्फ्रेंस में, राज्य गृह मंत्री जी कृष्णन रेड्डी राष्ट्रीय सलाहकार अजित डोभाल, एनआईए के आईजी आलोक मित्तल, और डीजी योगेश चंद्र मोदी जैसी हस्तियाँ भी मौजूद रहे। बैठक में बताया गया कि बांग्लादेशी कट्टरपंथियों का आतंकी संगठन जेएमबी देश में सक्रिय है और बांग्लादेश का जेएमबी आतंकी नेटवर्क भारत को दहलाने के लिए दक्षिण भारत को बेस बना रहा है।
National Investigation Agency(NIA)’s national conference of Chiefs of Anti-Terrorism Squad/ Special Task Force underway in Delhi. MoS Home G Kishan Reddy, NSA Ajit Doval, NIA DG YC Modi, former IB Special Director and Nagaland Governor RN Ravi present pic.twitter.com/UVBAP4LzIR
— ANI (@ANI) October 14, 2019
इस बैठक को संबोधित करते हुए एनआईए के डीजी योगेश चंद्र मोदी ने बताया कि उन्हें ज्ञात हुआ है कि बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन ने बिहार, महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। जिसके संबंध में एनआईए ने 125 लोगों की लिस्ट तैयार करके संबंधित राज्यों से शेयर कर दी है।
National Investigation Agency(NIA) DG Yogesh Chander Modi: We noticed that Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh (JMB) increased their activities in Bihar, Maharashtra, Kerala and Karnataka. Names of 125 suspects have been shared with related agencies pic.twitter.com/Mw54RyHYWW
— ANI (@ANI) October 14, 2019
वहीं, एनआईए के आईजी आलोक मित्तल ने इस संबंध में बताया कि 2014 से 2018 के बीच जेएमबी ने बेंगलुरु में 20 से 22 ठिकाने स्थापित किए और दक्षिण भारत में अपने पैर पसारने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘जेएमबी ने कर्नाटक सीमा के पास कृष्णागिरी हिल्स में ‘रॉकेट लॉन्चर्स’ का परीक्षण भी किया।’’ आईजी ने सूचित किया कि म्यांमार में रोहिंग्याओं की हालत के बदले जेएमबी बौद्ध मंदिरों पर भी हमला करना चाहता था।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के अभियुक्त संगठनों के प्रमुखों और शीर्ष अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है, साथ ही उनके ख़िलाफ़ आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है। उनके मुताबिक इन सभी गिरफ्तार लोगों में अब तक किसी को भी जमानत नहीं मिली है। इन्हें प्रेषण और हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा फंड किया जा रहा था।
NIA IG Alok Mittal: In the main case of terror funding in J&K, chiefs of proscribed organizations &top separatist leaders have been arrested and chargesheeted. None have got bail so far.They were being funded from Pakistan High Commission, through remittances and hawala transfers pic.twitter.com/HZ47juPV7d
— ANI (@ANI) October 14, 2019
उन्होंने कहा कि सीमा पार से लगातार कोशिश की जा रही है कि पंजाब में दोबारा आतंकी गतिविधियों को शुरू किया जा सके। अभी हाल ही में जन हानि के मामलो में एजेंसियों ने 16 लोग गिरफ्तार किए हैं, जिनकी जाँच में पता चला कि खालिस्तानी दोबारा सक्रिय हो रहे हैं। उन्हें यूके, इटली, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया द्वारा फंड दिया जा रहा है।
NIA IG Alok Mittal: There have been continuous efforts from across the border to revive terror activities in Punjab. 16 arrested for targeted killings in 8 cases,Khalistan Liberation Force was found to be involved. Funds from UK,Italy,France and Australia were sent for this. pic.twitter.com/4CvoSJ2MJE
— ANI (@ANI) October 14, 2019
इसके बाद आईजी आलोक मित्तल ने बताया कि अब तक आईएसआईएस से संबंधित मामलों में 127 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जिनमें तमिलनाडु के 33, उत्तरप्रदेश के 19, केरल के 17 और तेलंगाना के 14 लोग शामिल हैं।
National Investigation Agency IG Alok Mittal: Till now 127 people arrested in ISIS related cases, including 33 from Tamil Nadu,19 from Uttar Pradesh, 17 from Kerala and 14 from Telangana. pic.twitter.com/wPi2fNLmKz
— ANI (@ANI) October 14, 2019
उनकी मानें तो तमिलनाडु और केरल के तीन मामलों में, आरोपितों ने इस बात को स्वीकारा कि उन्हें इस राह पर चलने के लिए जहरान हाशिम के वीडियो ने उकसाया। जहरान वही शक्स है जो श्रीलंका में ईस्टर पर हुए धमाकों का मास्टरमाइंड है।
National Investigation Agency IG Alok Mittal: In three of these ISIS cases from Kerala and Tamil Nadu, the accused have admitted that they were radicalized by Zahran Hashim’s videos. Hashim as we know is the mastermind of the Easter day bombings in Sri Lanka https://t.co/WBPxs4arEX pic.twitter.com/hsDYZ2d63M
— ANI (@ANI) October 14, 2019
उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी एटीएस प्रमुखों को संबोधित किया। इस बैठक में आतंकवाद के खिलाफ विस्तृत कार्य योजना बनाने और विभिन्न राज्यों की एटीएस के बीच सहयोग बढ़ाने पर बातचीत हो रही है। क्योंकि बता दें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से ही राज्य में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों की तरफ से हमले करने का खतरा बढ़ गया है।