केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद में आतंकवाद की चुनौती से संबंधित सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर में 28 आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि ये दुःख का विषय है कि इन मुठभेड़ों में हमारे सैनिक भी बलिदान हुए हैं। हालाँकि, उन्होंने कहा कि मृत सैनिकों की संख्या मारे गए आतंकियों की संख्या से बहुत कम है। उन्होंने याद किया कि 2004 से लेकर 2014 तक आतंकी की 7217 घटनाएँ हुई थीं।
मोदी सरकार की तरफ से जवाब देते हुए नित्यानंद राय ने बताया कि इसके उलट मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से लेकर 2014 जुलाई तक 2259 आतंकी वारदातें हुई थीं। हालाँकि, उन्होंने कहा कि ये नहीं होना चाहिए था और ये दुःखद है। साथ ही उन्होंने चेताया कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। नित्यानंद राय ने स्पष्ट कहा, “आतंकवाद के प्रति मोदी सरकार की जीरो टॉलेरेंस की नीति है। हम आतंकवाद को समाप्त कर देंगे।”
उन्होंने कहा कि वो आश्वस्त करना चाहते हैं कि आतंकियों की जगह या तो जेल में होगी या फिर जहन्नुम में। उन्होंने UPA काल की याद दिलाते हुए कहा कि तब 10 वर्षों में आतंकी हमलों में जान गँवाने वाले आम नागरिकों की संख्या 2829 थी। वहीं मोदी सरकार के एक दशक की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इन 10 वर्षों में ये आँकड़ा 67% घटते हुए 941 रह गई है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग अब शांतिपूर्ण माहौल में रह रहे हैं, वहाँ सुरक्षा की पूरी गारंटी है।
'आतंकी घटनाओं में कुछ हमारे फौज की भी मौत हुई, जो दुखद है लेकिन जो आतंकी मरे उससे संख्या बहुत कम है'
— Gaurav Shyama Pandey (@Gauraw2297) July 24, 2024
– गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय pic.twitter.com/ZBJZivr828
उन्होंने कहा कि कश्मीर में हिन्दुओं को इतना प्रताड़ित किया गया, उनका नरसंहार हुआ और महिलाओं के साथ बलात्कार हुए, एक साजिश के तहत घिनौनी राजनीति को आधार बना कर कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ। उन्होंने बताया कि कश्मीर के विस्थापित सरकारी कर्मचारियों को समायोजित करने के लिए 6000 आवासों के निर्माण को मंजूरी दी है, जिनमें से 2088 का काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि विस्थापित हिन्दुओं के पुनर्वास एवं उन्हें नौकरी देने के लिए काम किया जा रहा है।