राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कहा है कि भारत न सिर्फ अपनी मिट्टी पर लड़ेगा, बल्कि अगर कोई विदेशी जमीन हमारे लिए सुरक्षा सम्बन्धी खतरे पैदा करता है तो वहाँ भी लड़ेगा। कई लोग इसे ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल (LAC)’ पर भारत-चीन तनाव से जोड़ कर देख रहे हैं, लेकिन ‘नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सिस्टम (NSCS)’ ने इस बात से इनकार किया है। बता दें कि भारत-चीन सेनाएँ सीमा पर कई महीनों से आमने-सामने हैं।
ऋषिकेश में ‘परमार्थ निकेतन आश्रम’ को सम्बोधित करते हुए अजीत डोभाल ने कहा कि भारत ने कभी भी किसी पर पहले हमला नहीं किया, लेकिन नए रणनीतिक समीकरणों के बाद शायद हमें पूरी तरह सक्रियता के साथ सुरक्षा सम्बन्धी खतरों को हटाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ये ज़रूरी नहीं है कि आप जहाँ चाहते हैं, भारत वहीं लड़े। उन्होंने कहा कि भारत युद्ध को वहाँ तक ले जा सकता है, जहाँ से खतरा पैदा हो रहा है।
NSA अजीत डोभाल ने इसे ‘नए भारत’ की रणनीति करार दिया। अधिकारियों का कहना है कि डोभाल वर्तमान स्थिति को लेकर नहीं बोल रहे थे, बल्कि वो सामान्य परिस्थितियों की बात कर रहे थे। अजीत डोभाल ने कहा कि हमने कभी भी अपने व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए आक्रामक रवैया नहीं अपनाया। उन्होंने कहा कि हम अपनी और विदेशी मिट्टी पर भी लड़ेंगे, लेकिन व्यक्तिगत हितों के लिए नहीं।
उन्होंने कहा कि भारत ‘परमार्थ आध्यात्मिकता’ के लिए युद्ध लड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारा सभ्यताओं वाला राष्ट्र रहा है, जो किसी खास धर्म, भाषा या फिर समुदाय पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा कि जिसे देखा भी नहीं जा सकता है, वही इस राष्ट्र का आधार है, और वो है – हमारे देश की संस्कृति। उधर कोरियन युद्ध की बरसी पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी कहा कि चीन कभी भी अपनी सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों को खतरा पहुँचाने की अनुमति नहीं देगा।
उन्होंने कहा कि उनकी ‘पवित्र मातृभूमि’ के क्षेत्रों को बाँटने या फिर अतिक्रमित करने वालों की करतूतों को बैठ कर देखता नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि जब भी ऐसी स्थिति आएगी, चीनी लोग उसका जम कर सामना करेंगे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दशहरा ‘शस्त्र पूजा’ के बाद कहा कि भारत मौजूदा तनाव को ख़त्म कर शांति चाहता है, कुछ कुटिल घटनाएँ होती रही हैं, बावजूद इसके हमारी सेना किइस को हमारी एक इंच जमीन पर भी कब्ज़ा नहीं करने देगी।
Sharing some more pictures from ‘Shastra Pooja’ at 33 Corps Headquarters in Sukna. pic.twitter.com/e1JWaOzqjp
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 25, 2020
राजनाथ ने कहा कि वो इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि भारत-चीन तनाव की हालिया घटनाओं के बीच हमारी सेना ने जो पराक्रम दिखाया, उसे इतिहासकारों द्वारा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी चीन को कोरोना को लेकर ‘संदिग्ध’ करतूतों वाला देश करार देते हुए उसे साम्राज्यवादी बताया और कहा कि भारत ने उसे जो प्रतिक्रिया दी, उससे वो हैरान हो गया। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों से अच्छे सम्बन्ध बना चीन से बड़ी ताकत बनेगा।
इसी बीच ट्विटर पर एक हैशटैग ट्रेंड कर रहा है #MoveTheGames और लोग इसके तहत आयोजकों से माँग कर रहे हैं कि 2022 में होने वाले ओलम्पिक का स्थान बदल दिया जाए, उसे चीन की जगह कहीं और आयोजित कराया जाए। 6 अक्टूबर को ब्रिटेन ने इस बात का ऐलान किया कि अगर इस बात के और सबूत सामने आते हैं कि चीन में उइगरों के मानवाधिकारों का हनन होता है तो वह 2022 के विंटर ओलम्पिक का बहिष्कार कर सकता है।