भारत और म्यांमार ने साझा ऑपरेशन करते हुए उत्तर-पूर्वी राज्यों में कई आतंकी कैम्पों को तबाह कर दिया। दोनों देशों की सेनाओं ने मणिपुर, नागालैंड और असम में सक्रिय आतंकी संगठनों के कैम्पों को तबाह किया। यह सब कुछ एक दिन में नहीं हुआ बल्कि यह भागीदारी पूरे 3 सप्ताह तक चली। इससे पहले ऑपरेशन सनशाइन के तहत भी दोनों सेनाओं ने यह कार्रवाई की थी। भारत और मयांमार आपस में 1640 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं, ऐसे में दोनों देशों के बीच इस तरह की अंडरस्टैंडिंग होना सही है। ताज़ा ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सनशाइन 2’ कहा जा रहा है।
Sources said at least six dozen militants belonging to these groups were nabbed and several of their camps destroyed during the operation.#Myanmar #NorthEast #IndianArmyhttps://t.co/mqdu5TJqFZ
— ET Defence (@ETDefence) June 16, 2019
दोनों देशों की सेनाओं ने इस संयुक्त ऑपरेशन में जिन आतंकी संगठनों को निशाना बनाया गया, उनमें कामतापुर लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (KLO), एनएससीएन (NSCN), उल्फा और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) शामिल हैं। इस अभियान के दौरान 70 से भी अधिक आतंकियों को धर-दबोचा गया और उनके ठिकाने तबाह कर दिए गए। इस अभियान में असम राइफल्स के जवानों ने भी भाग लिया। दोनों देशों की ख़ुफ़िया एजेंसियाँ लगातार एक-दूसरे से जानकारियाँ साझा कर रही हैं और इसके आधार पर आगे भी ऐसी कार्रवाइयाँ की जा सकती हैं।
दोनों देशों की सेनाओं ने अपनी-अपनी सीमाओं में उग्रवादी ठिकानों को किया तहस नहस https://t.co/mNaWtgGWjt
— आज तक (@aajtak) June 16, 2019
इससे पहले 2 से 26 फरवरी तक ऑपरेशन सनशाइन 1 चलाया गया था। तब भारतीय सेना ने अपनी सीमा में अराकान उग्रवादी समूह के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करते हुए उसकी कमर तोड़ दी थी। 2015 में भी सेना ने एनएससीएन के खिलाफ इंडो-म्यांमार बॉर्डर पर ऑपरेशन चलाया था। यह ऑपरेशन इसलिए चलाया गया था क्योंकि आतंकियों के हमले के कारण मणिपुर में सेना के 18 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे।