पुलवामा हमले के बदले में भारत द्वारा बालाकोट पर की गई एयर स्ट्राइक का असर दिखने लगा है। जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के बाद अब पाकिस्तान ने भारत को नियंत्रण रेखा पर तनाव काम करने के लिए शांति प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव में एलओसी से पाकिस्तानी सेना के विशेष दस्ते एसएसजी की एकतरफा वापसी और सीमा पार गोलीबारी को दोनों तरफ अस्थाई रूप से रोकने की बात कही गई है।
पीएमओ भेजी गई रिपोर्ट के हवाले से खबर
हिंदुस्तान टाइम्स में पीएमओ को भेजी गई एक रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया गया है। खबर के अनुसार यह प्रस्ताव पाकिस्तानी DGMO से भारतीय DGMO को भेजा गया है। भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि यह प्रस्ताव दोनों पक्षों के बीच स्थापित ‘संस्थागत सैन्य संचार मार्ग’ से प्राप्त हुआ है। प्रस्ताव में पाकिस्तान ने अपनी विशेष सैन्य टुकड़ी स्पेशल सर्विसेज़ ग्रुप (एसएसजी) को एलओसी से हटाने का एकतरफा प्रस्ताव दिया है और सलाह दी है कि दोनों ओर से फ़िलहाल गोलीबारी पर अस्थाई रोक रहे। एसएसजी को पाकिस्तान ने एलओसी पर पुलवामा हमले के बाद (भारत की जवाबी कार्रवाई की आशंका से) एहतियातन तैनात किया था।
पुलवामा के बाद से कोई घुसपैठ नहीं
खबर में यह भी दावा किया गया है कि रिपोर्ट के अनुसार पुलवामा के बाद से हिंदुस्तान में कोई घुसपैठ नहीं हुई है। यहाँ तक कि घुसपैठ कराने के लिए सीमा के पास विशेष रूप से स्थापित अड्डे (‘लॉन्च पैड’) भी सूने पड़े हैं। माना जा सकता है कि पाकिस्तान को ऐसा बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते करना पड़ रहा है। भारत ने न केवल चीन को मजबूर किया कि वह अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में रोड़े अटकाना बंद करे, बल्कि भारत सरकार FATF में भी पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किए जाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF) आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था है। वहाँ ब्लैकलिस्ट हो जाने से न केवल पाकिस्तान को दुनिया से पैसा उगाहने में मुश्किल होगी, बल्कि चीन जैसे उसके समर्थकों के लिए भी उसके साथ किसी भी प्रकार के संबंधों को उचित सिद्ध करना मुश्किल हो जाएगा।