जम्मू-कश्मीर में पुलिस ने पाकिस्तान से भेजे गए नॉर्थ कोरियनन ड्रोन को एक बार फिर ध्वस्त कर दिया। घटना रविवार (29 मई 2022) को कठुआ जिले के राजबाग पुलिस थाने के नजदीक तल्ली हरिया चाक के सीमा इलाके की है। ड्रोन के जमीन पर गिरने के बाद छानबीन में इससे 7 यूजीसीएल ग्रेनेड और 7 मैग्नेटिक व स्टिकी बम मिले हैं। ये ड्रोन भेजे जाने की घटना चूँकि अमरनाथ यात्रा से पहले हुई है इसलिए घाटी की सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है।
Pakistani drone shot down in Jammu & Kashmir’s Kathua; High alert ahead of Amarnath yatra[ pic.twitter.com/vt6Ldnxgm0
— Hindustan Times (@htTweets) May 29, 2022
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने इस कार्रवाई के बारे में बताया कि पुलिस तलाशी दल ने सुबह राजबाग थाना क्षेत्र के तल्ली हरिया चक इलाके में सीमा पर एक ड्रोन की गतिविधि देखी और उस पर गोलियाँ चलाकर उसे नीचे गिराया। इसके बाद ड्रोन पर लादे गए सामान की जाँच बम निरोधक दस्ते ने की। जिन्हें 7 मैग्नेटिक बम और 7 ‘अंडर बैरल ग्रेनेडल लांचर’ (यूबीजीएल) मिले।
#BREAKING: J&K Police & BSF have shot down a Pakistani drone which was carrying 7 magnetic bombs (sticky bombs) & 7 UBGL grenades in border area of Kathua in Jammu & Kashmir. Major terror attacks and tragedy averted because of the alert Police party which was carrying search Ops. pic.twitter.com/9yucBTw1QV
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) May 29, 2022
कठुआ के एसएसपी आरसी कोतवाल ने ड्रोन को लेकर बताया कि इस ड्रोन के साथ एक पे लोड भी जोड़ा गया था। इसमें मैग्नेटिक बम और यूजीबीएल ग्रेनेड थे। श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर आतंक का खतरा बढ़ता जा रहा है। शायद ये विस्फोटक भी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के लिए भेजे गए थे।
Drone coming from border side shot down in Talli Hariya Chak under Rajbagh PS in Kathua district. The drone has a payload attachment with it which is being screened by the bomb disposal experts: Jammu & Kashmir Police pic.twitter.com/yq9gXRcacQ
— ANI (@ANI) May 29, 2022
बता दें कि कोविड के कारण दो साल से रुकी 43 दिन लंबी चलने वाली अमरनाथ यात्रा इस साल 30 जून से दो रास्तों पर शुरू होगी। एक रास्ता पारंपरिक है 48 किलोमीटर का जो पहलगाम के नुनवान से होते हुए जाता है और दूसरा रास्ता 14 किलोमीटर का है जो कश्मीर के गांदरबल से होता हुआ जाता है।
अधिकारियों के बीच बैठक
ऐसे में इस यात्रा से पहले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बाबत श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग भी हुई थी। इस मीटिंग में सीआरपीएफ के एडीजी दलजीत सिंह चौधरी, स्पेशल डीजी सीआईडी आर आर स्वेन, आईजीपी कश्मीर घाटी विजय कुमार, डीआईजी अब्दुल जब्बार आदि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल थे। वहीं कई अधिकारियों ने इस मीटिंग को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिेए भी अटेंड किया। इस बैठक में यात्रा के दौरान क्या क्या सुरक्षा बरती जानी है इसे लेकर व्यापक चर्चा हुई। डीजीपी दिलबाग सिंह ने अधिकारियों से खास ध्यान संवेदनशील इलाकों पर और बेस कैंप्स पर रखने को कहा। इसके अलावा किसी आपदा से निपटने के लिए भी पर्याप्त प्रबंधन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
आतंकियों को हथियार क्यों भेज रहा पाकिस्तान
उल्लेखनीय है कि कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले दिनों बताया गया था कि घाटी में इस समय आतंकी समूह हथियारों की कमी से परेशान हैं। ऐसे में पाकिस्तान उन्हें अपनी सीमा से ड्रोन के जरिए हथियार सप्लाई करता है। ऐसे में कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों की नापाक कोशिशों को नाकाम करने के लिए अपनी एंट्री ड्रोन क्षमता को, जैमिंग तकनीक को बढ़ाया है और लगातार पाकिस्तान की हरकतों पर नजर बनाए हुए हैं।