प्रतिबंधित कट्टर इस्लामिक संगठन पीएफआई (PFI) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ईडी के अनुसार प्रतिबंधित संगठन को फंड का जुगाड़ करने में खाड़ी देशों से मदद मिल रही थी। इस मामले को लेकर ईडी ने पिछले हफ्ते पटियाला हाउस कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की विशेष अदालत के सामने चार्जशीट दायर की थी। ईडी के इस आरोप पत्र पर अब अपर कोर्ट ने संज्ञान लिया है, जिसके बाद ईडी ने अदालत को जानकारी दी कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने चंदा एकत्र करने के लिए खाड़ी देशों में ‘संगठित’ ढाँचा तैयार किया है।
ईडी ने कोर्ट को जानकारी दी कि पीएफआई ने देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए देश से विदेश तक कई संस्थाओं और व्यक्तियों के साथ साझेदारी की थी। उनके माध्यम से प्रतिबंधित संगठन गैर कानूनी तरीके से धन जुटाता था और जुटाई गई रकम पीएफआई के बैंक खातों में चंदे के रूप में दिखा कर जमा की जाती थी। बाद में इस धन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में किया जाता था।
ED has filed Prosecution Complaint against Popular Front of India (PFI) and three of its office-bearers namely Perwez Ahmad, Mohammad Ilias and Abdul Muqueet. The Special Court (PMLA), Patiala House, New Delhi has taken cognizance of the prosecution complaint.
— ED (@dir_ed) November 21, 2022
ईडी ने किनके खिलाफ दायर किया था आरोप पत्र
ईडी ने परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत के खिलाफ सुनवाई शुरू करने के लिए 19 नवंबर 2022 को आरोप पत्र दायर किया। इन आरोपितों को 22 सितंबर को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और विभिन्न राज्य पुलिस इकाइयों की मदद से देश भर में बड़े स्तर पर हुई छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। उस छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल तीनों आरोपित तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
अहमद, इलियास और मुकीत पर क्या हैं आरोप ?
ईडी ने जानकारी दी है कि अहमद पीएफआई की दिल्ली इकाई का अध्यक्ष था और वह संगठन के लिए धन उगाही करने वाली गतिविधियों की निगरानी करता था। इसके अलावा वह जनसंपर्क का काम भी देखता था। वहीं मोहम्मद इलियास दिल्ली पीएफआई का महासचिव था। वह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पीएफआई और संबंधित संगठनों के लिए धन जुटाने का काम करता था। इलियास ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के उम्मीदवार के रूप में दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था।
आपको बता दें कि परवेज अहमद और मोहम्मद इलियास दोनों को दिल्ली पुलिस ने फरवरी, 2020 के एंटी हिन्दू दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था। वहीं अब्दुल मुकीत, दिल्ली पीएफआई का कार्यालय सचिव था और पीएफआई के धन जुटाने की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल था। वह फर्जी नकद दान पर्ची भी तैयार करता था।
बैन किया जा चुका है कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन
भारत सरकार ने हाल ही में आतंकवादियों से संबंध होने और सांप्रदायिक घृणा फैलाने के आरोप में पीएफआई को प्रतिबंधित कर दिया था। पीएचआई की संबद्ध संस्थाओं- रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल वीमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन-केरल को भी प्रतिबंधित संगठनों की सूची में रखा गया है।