भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने सेना प्रमुख बनाए जाने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेन्स आयोजित की। इस दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर संसद निर्देश जारी कर दे, तो भारतीय सेना पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को वापस लेने के लिए उचित कार्रवाई करने को तैयार है।
सेना प्रमुख ने कहा, “जहाँ तक पीओके का सवाल है, वर्षों पहले, संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया कि पूरा जम्मू-कश्मीर, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर हमारा हिस्सा है। एक संसदीय संकल्प है। अगर संसद चाहती है कि वह क्षेत्र भी हमारा हिस्सा हो, और अगर हमें इसके लिए निर्देश दिए जाते हैं, तो हम निश्चित रूप से उचित कार्रवाई करेंगे।”
#WATCH Army Chief on if PoK can be part of India as stated by political leadership: There is a parliamentary resolution that entire J&K is part of India.If Parliament wants it,then,PoK also should belong to us. When we get orders to that effect, we’ll take appropriate action pic.twitter.com/P8Rbfwpr2x
— ANI (@ANI) January 11, 2020
दरअसल, 1994 में संसद में एक प्रस्ताव लाया गया था, इस प्रस्ताव में कहा गया था कि पूरा जम्मू और कश्मीर, भारत का एक अभिन्न अंग है। पीओके में सैन्य अभियानों की व्यवहार्यता पर, जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना को सभी सीमाओं पर तैनात किया गया है और इससे जुड़ी कई योजनाएँ भी हैं। यदि ज़रूरत पड़ी, तो इन योजनाओं पर कार्रवाई कर लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा तभी संभव है, अगर संसद हमें ऐसा करने का निर्देश जारी करे।
ख़बर के अनुसार, प्रेस कॉन्फ्रेन्स में अपनी बात रखते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हर कोई अच्छा काम रहा है, चाहे वह एलओसी हो या भीतरी इलाक़े हों। हमें जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है। हम स्थानीय पुलिस और प्रशासन के भी शुक्रगुज़ार हैं। उन्हें भारतीय सेना से किसी भी तरह की कोई शिक़ायत नहीं है। सीमाओं पर तैनात कमांडर के फ़ैसले का सम्मान करना होगा। जो भी शिक़ायतें दर्ज हुईं, वे निराधार साबित हुईं।
इसके अलावा, सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि पश्चिमी सीमाओं पर हमें सबसे अधिक ख़तरा है, इसलिए वहाँ भारतीय सेना की एक यूनिट छ: अपाचे हेलिकॉप्टर के साथ तैनात रहती है। उन्होंने सियाचिन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र हमारे लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। दो मोर्चों पर जंग को लेकर दो तरह की तैयारियाँ हैं। पहला- ऐसा होने पर प्राथमिक तौर पर हम बड़ी संख्या में बलों की तैनाती करेंगे। दूसरा- हम ऐसी स्थिति में पीछे नज़र नहीं आएँगे।
उधर, भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे के PoK वाले बयान पर पाकिस्तान तिलमिला उठा है। पाकिस्तान ने गीदड़भभकी देते हुए कहा कि उसकी सेना नियंत्रण रेखा (LoC) पर किसी भी तरह की भारतीय कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
Statements by Indian COAS to undertake military action across LOC are routine rhetoric for domestic audiences to get out of ongoing internal turmoil.
— DG ISPR (@OfficialDGISPR) January 11, 2020
Pakistan Armed Forces are fully prepared to respond to any act of Indian aggression.
बता दें कि भारत-चीन की सेनाओं के बीच हॉटलाइन प्रस्तावित है। जल्द ही भारत के सैन्य ऑपरेशन्स के महानिदेशक और चीन की पश्चिमी कमान के बीच हॉटलाइन शुरू होगी। इसी के साथ-साथ पाकिस्तान और चीन सीमा पर बलों की तैनाती को लेकर री-बैलेंसिंग ज़रूरी है।
प्रेस कॉन्फ्रेन्स में सेना प्रमुख ने इस बात पर बल दिया कि देश की उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर समान रूप से ध्यान देने की ज़रूरत है। जहाँ तक भारतीय सेना का संबंध है, हमारे लिए कम समय का ख़तरा उग्रवादियों के ख़िलाफ़ अभियान चलाना है और लंबे समय का ख़तरा पारम्परिक युद्ध है। हम इसी तैयारी में जुटे हुए हैं।
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