केंद्र के तीन महत्वाकांक्षी कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद जारी राजनीति के बीच केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अगले कदम के बारे में स्पष्ट कर दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र का अगला कदम पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को हासिल करना है। उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए तैयार है।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमेशा कहा जाता था कि जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा किया। इसी तरह पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को भी हासिल किया जाएगा और यह संकल्प पूरा होकर रहेगा। उन्होंने कहा कि जिस नेतृत्व ने अनुच्छेद 370 को खत्म किया, उसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के हिस्से को भी वापस हासिल लेने की इच्छाशक्ति और क्षमता है।
राज्यमंत्री ने कहा कि पीओके को हासिल करना भाजपा के लिए सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह राष्ट्रीय एजेंडा के साथ-साथ मानवाधिकारों के सम्मान की भी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में हमारे भाई-बहन अमानवीय परिस्थितियों में जी रहे हैं। उन्हें ना शिक्षा की सुविधा दी जा रही है और ना स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अदूरदर्शिता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी के समय 560 से अधिक रियासतों का भारत में विलय कराया था। लेकिन, जम्मू-कश्मीर के मामले से उन्हें बाहर रखा गया था, क्योंकि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जम्मू-कश्मीर को अपने स्तर पर संभालना चाहते थे।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगर सरदार पटेल को जम्मू-कश्मीर में भी कार्रवाई करने दी जाती तो आज भारत का इतिहास और भूगोल कुछ और होता। जब 1947 में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर हमला किया, उस समय नेहरू ने जम्मू-कश्मीर में सेना भेजने में आनाकानी की थी और जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके को वापस लेने की कार्रवाई शुरू की तो उसे रोक दिया गया।
इसके पहले सेना प्रमुख भी कह चुके हैं कि पीओके लेने सेना तैयार है। सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने साल 2020 में ही कहा था कि अगर संसद निर्देश जारी कर दे तो भारतीय सेना पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को वापस लेने के लिए उचित कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
जितेंद्र सिंह ने यह बात दिल्ली में आयोजित ‘मीरपुर बलिदान दिवस’ को समर्पित एक कार्यक्रम में रविवार को कही। मीरपुर बलिदान दिवस हर साल 25 नवंबर को मनाया जाता है। पाकिस्तान ने 75 साल पहले 25 नवंबर 1947 को जम्मू-कश्मीर के मीरपुर-कोटली पर कब्जा कर लिया था। पाकिस्तानी सेना ने वहाँ लोगों को यातनाएँ देकर हजारों लोगों का नरसंहार किया था। इस बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर से हजारों लाेग पलायन कर जम्मू-कश्मीर में आ गए थे।
मीरपुर बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान पीओके से पलायन कर दिल्ली में बसे परिवारों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट देने के लिए विशेष कैंप भी लगाया गया। इस दौरान जितेन्द्र सिंह ने सभी लोगों से अपने डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनाने की भी अपील की।