प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस को लेकर इंटेलिजेंस ब्यूरो अलर्ट पर है। दरअसल, हाल ही में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक संदिग्ध वीडियो सामने आया था जिसमें एक बुर्का पहनी हुई महिला यह कह रही है कि प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस को कश्मीरी अलगाववादियों का पूरा समर्थन है।
वीडियो में, बुर्का पहने महिला यह घोषणा करती हुई दिखाई दे रही है, “गुरुओं की पवित्र भूमि पर ‘हत्यारे’ तिरंगे को फहराने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। वह आगे कहती हैं, “अटारी अमृतसर गुरुओं की भूमि है, लेकिन भारत का हत्यारा तिरंगा झंडा वहाँ फहराता रहता है। सिख भूमि पर भारतीय कब्जे का यह 75वाँ वर्ष है। हमारा उद्देश्य है कि अटारी बॉर्डर पर तिरंगा की जगह खालिस्तान का झंडा वहाँ फहराया जाए। यह निर्णायक समय है। हम कश्मीरी मुजाहिदीन खालिस्तान की लड़ाई में अपने सिख भाइयों और बहनों के साथ हर कदम पर हैं। अल्लाह हू अकबर।”
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मात्र 47 सेकंड के इस छोटे से वीडियो में 26 जनवरी, 2021 की हिंसा के दौरान लाल किले पर पीले झंडे को फहराए जाने का फुटेज भी दिखाया गया है। इसमें एक क्लिप ऐसी भी है जिसमें तिरंगे को गोलियों से भून दिया गया है।
वहीं आईबी के सूत्रों ने ऑपइंडिया को बताया कि वे फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं ताकि इसके सोर्स को समझा जा सके और वीडियो में महिला की पहचान का पता लगाया जा सके। आईबी ने कहा कि एसएफजे ने अटारी सीमा पर उड़ने वाले सबसे ऊँचे तिरंगे की जगह खालिस्तान का झंडा फहराने की योजना बना रहा है।
एसएफजे ने कथित तौर पर भारत सरकार को ‘चुनौती’ दी है कि वे अटारी सीमा पर सबसे ऊँचे तिरंगे को हटाकर खालिस्तानी झंडे से बदल देंगे। वहीं सएफजे के गुरपतवंत सिंह पन्नून द्वारा ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ के बारे में एक और घोषणा में, उसने कहा है कि जब पंजाब में खालिस्तान जनमत संग्रह होगा तब वह 15 अगस्त से 26 जनवरी तक ‘घर घर खालिस्तान’ अभियान शुरू करेगा।
وجه زعيم SFJ دعوة إلى شعب البنجاب الهندي لرفع شعار: "كل بيت خالستان"
— Muhammad Asif Mughal (@BilalAsifMughal) August 9, 2022
🛑 بدأت المعركة النهائية لاستفتاء خالستان
اختر جانبك خالستان أو الهند؟#خالستان #الهند#Khalistan #India pic.twitter.com/KZFWMFsjrW
बता दें कि सोशल मीडिया पर एसएफजे का एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एसएफजे के पन्नून को भी इसी तरह का दावा करते हुए दिखाया गया है कि तिरंगा जलाया जाएगा और पंजाब का हर घर खालिस्तान का झंडा फहराएगा।
गौरतलब है कि एसएफजे ने पहले भी प्रमुख भारतीय प्रतिष्ठानों पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की थी। यहाँ तक कि पिछले साल नवंबर में, उसने शीतकालीन सत्र के पहले दिन भारतीय संसद में खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 125,000 डॉलर देने की घोषणा की थी।
वहीं इस महीने की शुरुआत में खालिस्तान समर्थक दल खालसा ने घर-घर तिरंगा अभियान का विरोध किया था और सिखों से निशान साहब को फहराने को कहा था।
उल्लेखनीय है कि अटारी-वाघा सीमा पर 360 फुट की ऊँचाई पर भारत के सबसे ऊँचे तिरंगे का उद्घाटन 2017 में किया गया था। कहा जाता है कि वहाँ उड़ता हुआ तिरंगा पाकिस्तान से भी देखा जा सकता है।