प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने 68वें रेडियो कार्यक्रम मन की बात में सोफी और विदा नाम के भारतीय सेना के दो कुत्तों के बारे में विशेष उल्लेख किया।
सोफी को विस्फोटकों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसके साथ ही वो इम्प्रूव्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस (IEDs) में उपयोग किए जाने वाले रसायनों और उपकरणों की उपस्थिति का पता लगाने में भी कामयाब रहा है।
इस साल 15 अगस्त को स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के बम निरोधक दस्ते के सदस्य सोफी और दूसरे जांबाज कुत्ते विदा को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ’कमेंडेशन कार्ड’ से सम्मानित किया गया है।
पत्रकार शिव अरूर ने दोनों जांबाज कुत्तों की कमेंडेशन बैज प्राप्त करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया था।
Meet Sophie & Vida, the 2 Army IED/mine sniffer dogs that received Army chief commendation badges this month & found mention on #ManKiBaat today. pic.twitter.com/hzevpIAZWQ
— Shiv Aroor (@ShivAroor) August 30, 2020
विदा नॉर्दर्न कमांड में आर्मी डॉग यूनिट का एक सदस्य है। विदा ने जमीन के नीचे दबे 5 माइंस और एक ग्रेनेड का पता लगाने में मदद की थी। कुत्तों की सर्विस का फायदा सेना के जवानों को भी हुआ है। इनके कारण सेना के जवानों के घायल होने और हताहत होने का खतरा कई बार टला है।
भारतीय सेना में कुत्तों के योगदान को सलाम करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “सोफी और विदा को हाल ही में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया है। सोफी और विदा को यह सम्मान इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने अपने देश की रक्षा करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन किया। हमारे सशस्त्र बलों और सुरक्षा बलों के पास कई ऐसे बहादुर कुत्ते हैं, जो न केवल देश के लिए जीते हैं, बल्कि देश के लिए खुद को बलिदान करते हैं।”
आर्मी डॉग यूनिट को ‘द साइलेंट वॉरियर्स’ के रूप में संदर्भित करते हुए, पीएम मोदी ने आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों में कैनाइन द्वारा दिए गए योगदान पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा, “राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) बचाव कार्यों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित दर्जनों कुत्तों का भी उपयोग किया जाता है। भूकंप, इमारत गिरने की स्थिति में, ये कुत्ते मलबे के नीचे फँसे लोगों की खोज करने में ये एक्सपर्ट होते हैं।