सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में लगे प्रतिबंध हटाने के बारे में तत्काल कोई भी आदेश देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है। सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने को लेकर दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सरकार को सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए। कोर्ट प्रशासन के हर मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि हम स्थिति का रोजाना रिव्यू कर रहे हैं और मानवाधिकार का कोई हनन नहीं हो रहा है।
Attorney General replied,’we are reviewing the day-to-day situation. It’s a highly sensitive situation, it’s in the interest of everyone. Not a single drop of blood has been shed, no one died. SC says,’we post the matter for hearing after two weeks and we will see what happens.’ https://t.co/Q2JdjBB0NK
— ANI (@ANI) August 13, 2019
जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 (Article-370) के प्रावधानों में बदलाव करने के बाद कुछ लोगों ने विरोध प्रकट किया है। इसके बाद सरकार ने राज्य में कुछ अल्पकालिक प्रतिबन्ध लगा रखे हैं। कोर्ट ने फिलहाल इन प्रतिबंधों को हटाने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार रोजाना स्थिति का जायजा ले रही है और ऐसे में स्थिति सामान्य होने का इंतजार किया जाए। अगर ऐसा ही रहा तो आप बाद में बताना हम तब मामले को देखेंगे। फिलहाल सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टाल दी गई है।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने के बाद से सरकार ने ऐहतिहातन पूरे जम्मू और श्रीनगर में धारा-144 लगा रखी है और कश्मीर घाटी में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सरकार ने मोबाइल फोन कनेक्शन और इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगाई हुई है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि ये कब तक चलेगा? इस पर अटॉर्नी जनरल ने जवाब देते हुए कहा कि जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, व्यवस्था भी सामान्य हो जाएगी। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोगों को कम से कम असुविधा हो।