दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार आतंकियों नौशाद और जगजीत के बारे में नए खुलासे हुए हैं। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड की हल्द्वानी जेल में दोनों की मुलाकात हुई थी जहाँ ये 1 साल 4 माह तक रहे थे। अब ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसियाँ उस समय जेल में बंद रहे अन्य बंदियों से नौशाद और जगजीत के बारे में जानकारी जुटा रही हैं। आतंकी नौशाद के शतरंज में माहिर खिलाड़ी होने की भी जानकारी सामने आ रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जगजीत ने अपने कई नाम रख रखे थे। वो याकूब और कप्तान नाम से भी जाना जाता था। जगजीत प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स से जुड़ा हुआ था। वहीं जेल में शतरंज के खेल में चैम्पियन नौशाद के पाकिस्तानी आतंकी समूह हरकत उल अंसार से जुड़े होने की जानकारी सामने आई है। लगभग 56 साल उम्र का नौशाद मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहने वाला बताया जा रहा है। रामनगर के एक व्यापारी से रंगदारी माँगने के मामले में नौशाद 1 जनवरी, 2021 में हल्द्वानी जेल में बंद हुआ था।
वहीं जगजीत भी हल्द्वानी जेल में 29 नवम्बर, 2018 से बंद था। दोनों की जेल में पहले तो मुलाकात हुई और बाद में दोस्ती हो गई। इस जेल में नौशाद और जगजीत ने छूटने के बाद देशविरोधी काम करने का फैसला किया था। 2 अप्रैल 2022 को जगजीत पैरोल पर छूटा था। उसके कुछ ही समय बाद 5 मई, 2022 को नौशाद भी जेल से बाहर आया था। बाद में जगजीत पैरोल के ही दौरान फरार हो गया था। तब से दोनों दिल्ली के भलस्वा इलाके में रह रहे थे।
यहीं पर दोनों पाकिस्तान से कनेक्टेड हुए और एक हिन्दू व्यक्ति की हत्या कर के भारत के खिलाफ अपनी नफरत और आतंकी काबिलियत पाकिस्तान को वीडियो के माध्यम से भेजी थी।
इसी क्रम में STF पंजाब के एक अन्य व्यक्ति रविंदर से पूछताछ की तैयारी में है। जगजीत के परिजनों से भी पुलिस ने 4 घंटे तक पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि जगजीत और नौशाद के साथ उस बैरक में 60 अन्य बंदी भी बंद थे। वो सभी 60 बंदी पुलिस के रडार पर बताए जा रहे हैं। यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि कहीं उन सभी बंदियों में से कोई अन्य नौशाद और जगजीत के नेटवर्क से तो नहीं जुड़ा है। पुलिस नौशाद और जगजीत द्वारा प्रयोग किए गए सिग्नल एप प्रयोग करने वाले अन्य अपराधियों और आतंकियों से दोनों के संबंधों की खोजबीन कर रही है।