Sunday, November 17, 2024
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साकिब नाचन गिरफ्तार: गाँव भारत में… लेकिन बना दिया था उसे ‘अल-शाम’ (सीरिया का आजाद-क्षेत्र), बम धमाके से कर चुका है 12 की हत्या

NIA ने मुंबई से गिरफ्तार किया साकिब नाचन को। महाराष्ट्र के एक गाँव पडघा को 'अल-शाम' घोषित कर दिया था। 'अल-शाम' का मतलब होता है: ग्रेटर-सीरिया, आजाद-क्षेत्र। यहीं करता था ISIS के लिए भर्तियाँ।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने शनिवार (9 दिसंबर 2023) को देश के कई इलाकों में दबिश दी। इसी दबिश के दौरान महाराष्ट्र से भी कई संदिग्धों को उठाया गया है, जिसमें एक साकिब नाचन भी है। साकिब इससे पहले भी आतंकी वारदातों को अंजाम देने के चलते 2 अलग-अलग मामलों में अदालत से सजा पा चुका है। उसका बेटा भी NIA द्वारा गिरफ्तार किया गया है।

अब्बा-औलाद की इस जोड़ी पर अन्य कट्टरपंथियों के साथ मिल कर भारत में ISIS का नेटवर्क खड़ा करने और आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है। साकिब नाचन के षड्यंत्र का लेवल ऐसे समझ सकते हैं कि उसने महाराष्ट्र के एक गाँव पडघा को ‘अल-शाम’ घोषित कर दिया था। ‘अल-शाम’ का मतलब होता है: ग्रेटर-सीरिया, आजाद-क्षेत्र। मतलब गाँव भले ही भारत में है, लेकिन उस गाँव में इस्लामी शरिया कानून चलाता था साकिब नाचन।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरफ्तार किया गया 63 वर्षीय साकिब NIA की नजर में मुख्य साजिशकर्ता है। वह मूल रूप से मुंबई के ठाणे जिले के बोरीवली का रहने वाला है। नाचन 3 बच्चों का अब्बा है, जिसमें 2 बेटे और एक बेटी शामिल हैं। साकिब प्रतिबंधित आतंकी संगठन SIMI (सिमी) का सचिव भी रह चुका है। साकिब का कनेक्शन भगोड़े आतंकी जाकिर नाइक से भी है। वह युवाओं को जिहाद के लिए उकसाता था और खलीफा का राज लाने के लिए ‘बैयत’ (कसम) दिलाता था।

आरोप है कि साकिब युवाओं को ISIS के तौर-तरीके सिखाने का प्रयास कर था, जिससे देश में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जा सके। साकिब पर जाँच एजेंसियों की नजर साल 1990 से थी। उस पर आतंकवाद से जुड़े दर्जनों केस दर्ज हैं, जिसमें से 2 में उसे अदालत से भी सजा मिल चुकी है। साकिब को साल 1997 में भारत में आतंकी वारदातों की साजिश रचने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया था। तब साकिब का खालिस्तानी आतंकियों से भी कनेक्शन सामने आया था।

इसके बाद साकिब को मुंबई में साल 2002-03 के दौरान हुए 3 बम धमाकों में पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर आरोपित बनाया था। एक दर्जन लोगों की जान लेने वाले ये धमाके मुंबई सेंट्रल, विलेपार्ले और मूलुंड में हुए थे। धमाकों में 100 से अधिक लोग घायल भी हुए थे। इस मामले में भी साल 2016 में साकिब को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई। पहली और दूसरी सजाएँ एक साथ चलने की वजह से साकिब 2017 में जेल से रिहा हो गया।

साकिब बम बनाने में माहिर माना जाता है। वह अन्य युवाओं को न सिर्फ बम बनाने बल्कि उसका परीक्षण और भीड़भाड़ वाली जगहों पर ब्लास्ट करने की भी ट्रेनिंग देता है। वहीं साकिब का बेटा शामिल नाचन भी अपने अब्बा के नक्शेकदम पर चल रहा है। अगस्त 2023 में ही NIA शामिल नाचन को गिरफ्तार कर चुकी थी।

शामिल और उसका अब्बा साकिब ने अपने मुंबई बोरीवली स्थित घर को आतंकवाद की ट्रेनिंग के लिए एक सेंटर पॉइंट के तौर पर प्रयोग किया था। शामिल नाचन जुल्फिकार अली बड़ोड़ावाला, मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद यूनुस साकी, सिमाब नसीरुद्दीन काजी और अब्दुल कादिर पठान और कुछ अन्य संदिग्धों के साथ मिल कर ISIS मॉड्यूल खड़ा कर रहा था। इस गैंग में इमरान खान और मोहम्मद यूनुस साकी ‘अल सूफा आतंकवादी संगठन के सदस्य थे, जो फरार चल रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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