उत्तर प्रदेश पुलिस की ATS (आतंकवाद निरोधक शाखा) ने बुधवार (3 मार्च 2024) को नेपाल सीमा से हिजबुल मुजाहिदीन के 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से मोहम्मद अल्ताफ और सैयद गजनफर पाकिस्तान के जबकि तीसरा आतंकी नासिर अली कश्मीर का रहने वाला है। पूछताछ में इन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने जैसे मंसूबों का खुलासा किया। कश्मीरी आतंकी नासिर ने खुद को कारगिल युद्ध के बाद बना आतंकी बताया। इनके पास से कई भारतीय बैंकों द्वारा जारी डेबिट और क्रेडिट कार्ड भी बरामद हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन तीनों आतंकियों के निशाने पर आगामी रामनवमी थी। ये उत्तर प्रदेश में रामनवमी पर्व मना रहे हिन्दुओं पर सिलसिलेवार हमला करना चाहते थे। फ़िलहाल इनकी गिरफ्तारी के बाद नेपाल सीमा पर सुरक्षा बलों की चौकसी बढ़ा दी गई है।
यूपी ATS ने रामनवमी पर यूपी को
— विश्वजीत (मोदी का परिवार) (@bkMisral0707) April 5, 2024
दहलाने की साजिश में 2 पाक नागरिकों सहित
3 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया!
तीनो आतंकी नेपाल सीमा से जाली दस्तावेजों के आधार पर भारत मे घुसे!
तीनो की पहचान मोहम्मद अल्ताफ भट, सैय्यद गजनफर (दोनों पाकिस्तानी)और
श्रीनगर के नासिर अली के रूप में हुई है..! pic.twitter.com/qE4p84bmt1
ATS यूनिट गोरखपुर के इंस्पेक्टर विजय प्रताप सिंह ने इस कार्रवाई की FIR दर्ज करवाई है। उन्होंने बताया कि महराजगंज जिले में नेपाल बॉर्डर पर पड़ने वाले शेख फरेंदा गाँव से कुछ आतंकियों की घुसने की सूचना पर वो टीम सहित निगरानी कर रहे थे। सूचना सही पाई गई और 3 संदिग्धों को घेर कर पूछताछ की गई तो वो हड़बड़ा गए। इन तीनों ने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने दौड़ा कर इन्हे पकड़ लिया। तीनों में मोहम्मद अल्ताफ पाकिस्तान के रावलपिंडी का निवासी निकला। दूसरा संदिग्ध सैयद गजनफर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पड़ने वाली मुर्तजा मस्जिद के पास रहता है। तीसरा नासिर अली श्रीनगर का निवासी है।
ATS ने तीनों संदिग्धों की तलाशी ली। मोहम्मद अल्ताफ के पास एयरटेल का सिम लगा एक 4G मोबाइल, पाकिस्तानी पहचान पत्र, भारतीय आधार कार्ड (फर्जी) और 2029 तक वैलिड एक पाकिस्तानी पासपोर्ट मिला। दूसरे आतंकी सैयद गजनफर के पास से 2029 तक वैध पाकिस्तानी पासपोर्ट, भारतीय आधार कार्ड (फर्जी), पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस और पाकिस्तानी पहचान पत्र बरामद हुआ। ATS ने इनसे भारतीय आधार कार्ड के बारे में जानकारी माँगी तो दोनों आतंकी खामोश रहे।
ATS ने तीसरे आतंकी नासिर अली से भी पूछताछ की। नासिर अली ने बताया कि कारगिल युद्ध के बाद वह आतंकी बनने हिजबुल मुजाहिदीन के एक एक्टिव मेंबर के साथ पाकिस्तान चला गया था। यहाँ उसकी ट्रेनिंग मुजफ्फराबाद कैम्प में हुई थी। इस कैम्प में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ट्रेनिंग देती है। नासिर ने ATS को आगे बताया, “मैंने भी हिजबुल मुजाहिदीन की आइडियोलॉजी को पढ़ा तथा हिजबुल और दीगर जेहादी तंजीमों के उस्तादों की तकरीरें सुन कर व वीडियो देख कर प्रभावित हुआ।”
नासिर अली ने आगे बताया, “मैं हमेशा से चाहता था कि कश्मीर आज़ाद होकर पाकिस्तान से जुड़ जाए। मुझे हिजबुल मुजाहिदीन के अपने सीनियर मुजाहिद अमीरों से हिदायत मिली थी कि तुम ख़ुफ़िया तौर पर जम्मू-कश्मीर भारत में पहुँचो, जहाँ तुम्हें आगे की जिहादी कार्रवाई के बारे में बताया जाएगा।”
रामनवमी पर आतंक मचाने आए इन सभी को आखिरकार सीमावर्ती गाँव शेख फरेंदा से पकड़ लिया गया। नासिर अली की तलाशी के दौरान जियो और एनसेल (नेपाल का सर्विस प्रोवाइडर) का सिम लगा एक मोबाइल फोन, भारतीय पासपोर्ट, भारतीय मुद्रा के अलावा डॉलर, नेपाली और बांग्लादेशी करेंसी भी बरामद हुई।
नासिर के पास से मिले ATM वॉलेट से 7 बैंकों के कार्ड बरामद हुए। इसमें HDFC, ICICI और J&K बैंकों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड शामिल हैं। इन सभी कार्डों पर नासिर अली का ही नाम लिखा है। नासिर ने यह भी बताया कि उसको व्हाट्सएप से पाकिस्तानी आकाओं द्वारा दिशा-निर्देश मिल रहे थे।
पाकिस्तानी आतंकियों से भी कड़ी पूछताछ में गजनफर और अल्ताफ ने बताया कि वो ISI के इशारे पर भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देकर अस्थिरता का माहौल बनाना चाह रहे थे। ATS ने इन तीनों पर IPC की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120- B और 121- A के अलावा विदेशी अधिनियम की धारा 14 व विधि विरुद्ध क्रियाकलाप की धारा 38, 18, 13 के तहत कार्रवाई की है।