दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया गैंगरेप मामले में पटियाला हाउस कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फ़ैसला आ गया है। कोर्ट ने चारों दोषियों के ख़िलाफ़ डेथ वारंट जारी कर दिया है। 2012 के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा आदेश के बाद बुधवार (जनवरी 22, 2020) को उन्हें फाँसी के तख्ते पर चढ़ा दिया जाएगा। इन चारों को पहले ही बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है। एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा ने कहा कि वो 14 दिनों के भीतर अन्य क़ानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस फ़ैसले के बाद निर्भया की माँ ने ख़ुशी जताई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट में निर्भया की माँ और दोषी मुकेश की माँ के बीच तीखी झड़प भी हुई। जज के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। निर्भया का परिवार पिछले 8 वर्षों से दोषियों की फाँसी के लिए क़ानूनी लड़ाई लड़ रहा है। आज सुनवाई के दौरान चारों आरोपितों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। फ़ैसला आने के बाद दोषियों के वकील ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट में क्यूरिटिव याचिका दायर करेंगे। फाँसी का समय सुबह 7 बजे तय किया गया है।
आज पटियाला हाउस कोर्ट के फ़ैसले पर पूरे देश की नज़र टिकी हुई थी। निर्भया गैंगरेप मामले में कुल 6 आरोपित थे, जिनमें से एक नाबालिग था। एक आरोपित की जेल में ही मृत्यु हो गई थी। आरोपितों को सितम्बर 2013 में ही ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहरा दिया था। मार्च 2014 में हाईकोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले पर मुहर लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2017 के फ़ैसले में फाँसी की सज़ा को सही ठहराते हुए दोषियों की सारी समीक्षा याचिकाएँ भी खारिज़ कर दी थी।
#Nirbhaya | This decision will instill fear in people who commit such crimes: Badrinath Singh, father of 2012 Delhi gang-rape victim pic.twitter.com/vixTMTfQKX
— Hindustan Times (@htTweets) January 7, 2020
निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि दोषियों को फाँसी की सज़ा मिलने के बाद कोई और इस तरह का कुकृत्य करने से डरेगा। निर्भया की माँ आशा देवी ने कहा कि दोषियों को सज़ा मिलने से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों बाद उनकी बेटी को न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से न्यायपालिका में लोगों का विश्वास दृढ़ होगा।