शनिवार (जून 22, 2019) को पुलिस ने मदरसा शिक्षक के उस आरोप को खारिज कर दिया, जिसमें उसने जय श्री राम बोलने से मना करने पर कार से टक्कर मारने का आरोप लगाया था। खबर के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि मदरसा शिक्षक पर कथित हमले का कोई सुराग नहीं मिला है।
गौरतलब है कि दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 20 इलाके में मदरसे के एक शिक्षक मोहम्मद मोमिन ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि गुरुवार (जून 20, 2019) को जब वो मस्जिद से निकलकर मदरसे के पास टहल रहा था, तो उसके पास कार सवार कुछ युवक पहुँचे और उन लोगों ने मोमिन से जय श्री राम का नारा लगाने को कहा। मोहम्मद मोमिन का कहना है कि जब उसने करने से इनकार कर दिया तो गाड़ी में सवार लोगों ने उसे गालियाँ दी और फिर कार से टक्कर मारी।
SD Mishra, DCP Rohini: We have registered an FIR of accident. However, Mohammad Momin has claimed that three boys who were in a white car had asked him to say some religious word, when he refused, they hit him. Now we are verifying this allegation. CCTV footage will be examined. pic.twitter.com/adsPXduoFP
— ANI (@ANI) June 21, 2019
दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 323 के तहत केस दर्ज करते हुए मामले में जाँच शुरू की। पुलिस ने इस मामले में घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला और शुरुआती जाँच के बारे में बताते हुए रोहिणी के डीसीपी एस डी मिश्रा ने कहा कि उन्होंने इस बारे में घटना के समय मौजूद चश्मदीद गवाह से बात की, जिसने उन्हें इस घटनाक्रम के पूरे सीक्वेंस को बताया। इससे मोमिन के आरोप साबित नहीं होते हैं। वहीं एक और पुलिसकर्मी ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर मोमिन के दावों की पुष्टि नहीं होती है, लेकिन जाँच जारी है। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज से भी आरोपों की पुष्टि नहीं होती है।
इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं, जब समुदाय विशेष के लोग जय श्री राम न बोलने पर मारपीट करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन जब पुलिस तहकीकात करती है, तो आरोप पूरी तरह से निराधार और फर्जी साबित होता है। ऐसी ही एक घटना कुछ दिनों पहले गुरुग्राम में देखने को मिली। यहाँ के मुस्लिम युवक बरकत अली ने आरोप लगाया था कि वो शनिवार (मई 25, 2019) की रात मस्जिद से नमाज पढ़कर अपने घर जा रहा था। तभी रास्ते में 6 युवकों ने उसे रोका और टोपी उतारकर जय श्री राम बोलने के लिए कहा। बरकत का कहना था कि जब उसने ऐसा करने से मना किया तो युवकों ने उसके साथ मारपीट की।
वहीं, जब पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को लेते हुए इसकी तहकीकात करनी शुरू की और उक्त इलाके में लगे सीसीटीवी के तकरीबन 50 फुटेज देखे। जिसमें सामने आया कि मुस्लिम युवक के साथ मारपीट हुई थी। लेकिन इस दौरान न तो किसी ने उसकी टोपी फेंकी और न ही उसकी शर्ट फाड़ी गई। इस मामले में पुलिस ने भी कहा था कि शराब के नशे में की गई मामूली सी मारपीट की घटना को कुछ असामाजिक तत्व सांप्रदायिकता का रंग देने का प्रयास कर रहे हैं।