गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य में उपजे सियासी हालात के बीच बीजेपी की तरफ से प्रमोद सावंत सबसे दमदार दावेदार बन कर उभरे हैं। पार्टी ने औपचारिक घोषणा नहीं की है और सस्पेंस बरकरार रखा है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सावंत पर सहमति लगभग तय है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स प्रमोद सावंत के अलावा विश्वजीत राणे के नाम को भी प्रबल दावेदार बता रही है। इस बीच एकाध रिपोर्ट ऐसे भी हैं, जो राज्य में राष्ट्रपति शासन की संभावनाओं पर लिखे गए।
मनोहर परिकर के निधन से उपजे शून्य के बीच कॉन्ग्रेस ने भी गोवा में सियासत करने की कोशिश की। बता दें कि कॉन्ग्रेस के 14 विधायकों ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की माँग की थी। बाद में कॉन्ग्रेस के नेताओं ने मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
आपको बता दें कि विपक्षी दल ने शुक्रवार को सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा था और रविवार को फिर से पत्र लिखा। कावलेकर ने कहा, ‘‘हम सदन में बहुमत वाली पार्टी हैं और फिर भी मुलाकात का समय लेने के लिए संघर्ष करना पड़ा। हम माँग करते हैं कि हमें पर्रिकर के निधन के बाद भाजपा सरकार के ना रहने की स्थिति में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए।’’
गोवा में अभी सीटों की गणित पर बात करें तो कॉन्ग्रेस राज्य में अभी सबसे बड़ी पार्टी है। 40 सदस्यीय विधानसभा में उसके पास 14 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास 12 विधायक हैं। इस साल की शुरुआत में भाजपा विधायक फ्रांसिस डीसूजा के निधन और रविवार शाम को पर्रिकर के निधन तथा पिछले साल दो कॉन्ग्रेस विधायक सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते के इस्तीफे के कारण विधानसभा में सदस्यों की संख्या 36 रह गई है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के पास तीन-तीन विधायक हैं जबकि राकांपा के पास एक विधायक है। तीन निर्दलीय विधायक भी हैं। जीएफपी, एमजीपी और निर्दलीय विधायक पर्रिकर सरकार का हिस्सा थे।