‘सब लोकतंत्र’ न्यूज पोर्टल के फाउंडर रचित कौशिक को पंजाब जेल से जमानत मिल गई है। उन्होंने रिहा होने के बाद एक वीडियो अपने एक्स अकॉउंट पर शेयर की है। इस वीडियो को शेयर करने के साथ उन्होंने कहा कि उन्हें पंजाब जेल से रिहाई मिल गई है। लेकिन फोन को अब भी पुलिस ने अपने पास रखा है। जल्द ही रचित कौशिश दिल्ली आएँगे।
अपनी वीडियो में उन्होंने कहा, “पंजाब पावन गुरुओं की धरती से बसंत पंचमी के दिन जमानत और अनुमति लेकर मैं आ गया हूँ त्रिपुरासुरी माता के आँचल में त्रिपुरा। अगरतला में होने वाले खेलो इंडिया गेम्स में सम्मिलित रहकर अगले हफ्ते मैं दिल्ली आऊँगा। मैं सभी लोगों का धन्यवाद करूँगा जिन्होंने मुझे सपोर्ट किया। सभी यूट्यूबर्स, ट्विटर, यूजर के एक्टिविस्ट जिन्होंने मेरे लिए आवाज उठाई, सभी व्यक्ति और संगठन चाहे वो राजनैतिक थे, सामाजिक थे, प्रशासनिक थे उन सभी का धन्यवाद।”
Baba released from Jail.
— Sabloktantra (@SabLokTantra) February 15, 2024
(Phone still in custody. He will talk to all of you when he returns to Delhi next week).
रचित कौशिक pic.twitter.com/BeZ19pHYAS
उन्होंने कहा- “बहुत सारे प्रशंसकों ने जिस प्रकार का सहयोग दिया उसका मुझपर कोई उत्तर नहीं है लेकिन हाँ बहुत से शुभचिंतकों के प्रश्न हैं कि क्या हुआ, कैसे हुआ, क्यों हुआ, क्या होगा… मेरे पास एक ही उत्तर है उसका- हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता हमें, शरण में जब रख जब माथ तो किस बात की चिंता।”
रचित कौशिक को गाड़ी से खींचकर ले गई थी पंजाब पुलिस
बता दें कि रचित कौशिक को 6 फरवरी, 2024 को पंजाब के चार पुलिसकर्मियों ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से उठाया था। कौशिक एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने के लिए मुजफ्फरनगर आए थे। वहीं शाम 7 बजे के करीब कौशिक अपनी भांजी को पार्लर से लेकर विवाह स्थल पर जा रहे थे, जिस दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया।
ऑपइंडिया से रचित कौशिक की माँ ने बताया था कि उनका बेटा अपनी भांजी को लेकर शादी वाली जगह पर जा रहा था। अचानक से एक स्कॉर्पियो उनकी गाड़ी के सामने आ गई। इस गाड़ी से एक सिख व्यक्ति सामान्य कपड़ों में बाहर निकला। कौशिक ने समझा कि उनकी कार स्कॉर्पियो को टच कर गई है, इसलिए उन्होंने इस व्यक्ति से बात करने के लिए गाड़ी का शीशा नीचे किया। लेकिन सिख व्यक्ति ने बिना किसी चेतावनी के उनकी गाड़ी का दरवाजा खोला और कौशिक को बाहर खींच लिया। इससे पहले कि कौशिक के साथ वाले लोग कुछ समझ पाते वह उन्हें खींचकर अपनी गाड़ी में ले।
परिजनों ने पुलिस को सूचित किया तो पता चला कि पंजाब पुलिस ने कौशिक को हिरासत में लेने की सूचना पहले लोकल थाने में दी थी लेकिन रचित के परिवार का कहना था कि उन्हें कोई वारंट नहीं मिला। उन्होंने यह भी जानकारी दी थी कि जब पुलिस कौशिक को पकड़ने आई तो ये कह रही थी- “तुमको लम्बे समय से ढूँढ रहे थे, आखिर में पकड़ लिया।”
FIR में क्या?
जिस मामले में रचित कौशिक को गिरफ्तार किया गया था उसमें एफआईआर लुधियाना के सलेम टाबरी थाना क्षेत्र के अलीशा सुल्तान की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता का कहना था कि 17 जनवरी 2024 को उन्होंने ईसाई समुदाय के खिलाफ एक पोस्ट ‘नो कन्वर्जन (@noconversion)’ नाम के एक्स/ट्विटर हैंडल पर देखी, जो उन्हें अपमानजनक लगी। उन्होंने कहा कि ऐसे पोस्ट सांप्रदायिक तनाव भड़का सकते हैं जिससे देश में अशांति भी फैल सकती है। FIR में उन पोस्टों की प्रतियाँ शिकायत के साथ संलग्न थी, लेकिन उन पोस्ट के लिंक एफआईआर में नहीं थे। इस FIR को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए, 153ए, 153, 504 और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत दर्ज किया गया था।