उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने 39 प्रत्याशियों के नाम वाली सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में कई बड़े और विवादित नाम भी हैं। जैसे अखिलेश यादव ने अमेठी की सीट पर गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महराजी प्रजापति को उतारा है। अब दिलचस्प बात ये है कि सपा सरकार में मंत्री रह चुके गायत्री जहाँ रेप के आरोप में जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। वहीं उनकी पत्नी महराजी टिकट पाने के बाद पोस्टर छपवा कर उन्हें ही न्याय दिलवाने की बातें कर रही हैं।
सोशल मीडिया पर पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने इस पोस्टर को शेयर किया है। उन्होंने लिखा, “अखिलेश यादव ने अमेठी से सामूहिक बलात्कार के मामले में जेल में बंद #गायत्री_प्रजापति की पत्नी को उम्मीदवार बनाया और अब पत्नी बलात्कार के आरोपित को ‘न्याय’ दिलाने के लिए वोट माँग रही हैं। पोस्टर में अखिलेश-मुलायम की फोटो है,तो ये भी लिख देते- लड़के हैं, लड़कों से गलती हो जाती है।”
इस पोस्टर में देख सकते हैं मुलायम यादव और अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ महराजी ने खुद की और अपने पति की तस्वीर लगवाते हुए लिखवाया है, “आपका एक बहुमूल्य वोट अमेठी के बेटे को न्याय दिलाएगा।”
शर्म करो । क्या सपा को ऐसे लोग ही मिलते है – इसकी पत्नी को भी शर्म आनी चाहिये , किसके लिए वोट माँगेगी । गायत्री प्रजापति तो मिट्टी खा गये थे ।सत्ता के लूटेरे – https://t.co/nOK8h1vAeN
— Pramod Kumar Singh (@pramkrs) January 26, 2022
इस पोस्टर को देख हर कोई अपनी अलग अलग प्रतिक्रिया दे रहा है। लोग महराजी को वोट माँगने की जगह शर्म करने की सलाह दे रहे हैं। लोगों का पूछना है क्या समाजवादी पार्टी को ऐसे ही लोग मिलते हैं। किस आधार पर इनके लिए वोट माँगा जाएगा।
बता दें कि पिछले साल ही समाजवादी पार्टी की सरकार में परिवहन, खनन और सिंचाई जैसे महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री का दायित्व संभालने वाले गायत्री प्रसाद प्रजापति को चित्रकूट के चर्चित गैंगरेप मामले में एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। प्रजापति के साथ मामले के अन्य दोषी आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी उम्रकैद की सजा दी गई है। तीनों दोषियों पर 2-2 लाख रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया था।
गायत्री प्रसाद पर एक महिला ने आरोप लगाया था कि जब वो पूर्व मंत्री से उनके आपस पर मिलने पहुँची थीं तो नशा देकर उनकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप किया गया। साथ ही किसी को बताने पर जान से मरने की धमकी भी दी। पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ और 824 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। बाद में कोर्ट की सुनवाई के समय 17 गवाह और पुलिस की चार्जशीट के आधार पर गायत्री प्रजापति को दोषी पाया गया था।