मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 6 आतंकियों को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि ये सभी काफी दिनों से खुफिया एजेंसी के रडार पर थे। इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद हुआ है। सुरक्षा एजेंसियाँ इनसे पूछताछ कर रही हैं। इन सभी ने एक मस्जिद के बगल कराए का मकान ले रखा था। खुफिया एजेंसियों की यह कार्रवाई 13 मार्च, 2022 (रविवार) को सुबह 3 बजे के आसपास हुई है।
भोपाल में 6 आतंकी गिरफ्तार। #MadhyaPradesh #bhopal #MPNews pic.twitter.com/czCduIWZUh
— Ankit Pachauri अंकित पचौरी انکِت پچوری (@ankitpachauri93) March 13, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कार्रवाई ATS ने की है। मौके पर मौजूद एक चश्मदीद के मुताबिक लगभग 50 से 60 पुलिस वालों ने ऐशबाग थानाक्षेत्र के अहमद अली कॉलोनी की गली नंबर 4 में आतंकियों को पकड़ा है। यह कमरा फातिमा मस्जिद के बगल है। अब पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है। पुलिस ने मौके से मज़हबी साहित्य के अलावा एक दर्जन लैपटॉप भी बरामद किया है। गिरफ्तार आतंकियों में एक आतंकी के करोद इलाके से छापेमारी के बाद पकड़े जाने की सूचना है।
पड़ोसियों के मुताबिक, आतंकी लगभग 3 महीने पहले उस क्षेत्र में किराए पर रहने आए थे। ATS के इस अभियान की भनक लोकल पुलिस को भी नहीं लगने पाई। इस घटना के बाद उस मकान के नीचे रहने वाला एक अन्य किराएदार भी गायब हैं। बिल्डिंग की मकान मालकिन का नाम नायब जहाँ बताया जा रहा है जिनकी उम्र 70 साल के आसपास है। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने इस मकान को छिपने के ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए लिया था।
स्थानीय MP न्यूज़ TV के मुताबिक, धार्मिक साहित्य बोरे भर कर रखे गए थे। आतंकी यहाँ छात्रों के वेश में रहते थे। जहाँ वो रहते थे उस दरवाजे को तोड़ने के लिए गेट पर गोली मारनी पड़ी थी। शक है कि वो कॉलेज के छात्रों को भड़काने का काम करते थे। शुरुआत में उस कमरे में रहने 2 लोग आए थे। उनमें से एक का नाम अहमद बताया जा रहा है। इन्हें किराए पर रखने के लिए कम्प्यूटर बनाने वाले किसी सलमान द्वारा रिफरेन्स दिए जाने की बात कही गई है। कराएदारों से जब मकान मालिक ने आधार कार्ड माँगा तब उन्होंने काफी दिनों तक टाल-मटोल किया। बहुत अधिक दबाव बनने पर 15 दिनों में घर खाली करने के लिए कह दिया गया।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि गिरफ्तारी के दिन देर रात मकान मालिकन को शोर सुनाई दिया। उन्हें लगा कि लड़के आपस में लड़ रहे हैं। उन्होंने बाहर निकल कर देखा तो पुलिस थी। पुलिस ने सबको अंदर जाने के लिए बोला। इन सभी आतंकियों ने किसी कॉलेज में एडमिशन भी ले रखा था। ये किस राज्य आए थे और किस संगठन से जुड़े हुए हैं इसका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है।
घर की मकान मालिक नायब जहाँ के मुताबिक, “ये लोग लगभग 3 महीने से यहाँ रह रहे थे। एक का नाम अहमद है तो दूसरे को लोग मुफ़्ती साहब कहते थे। हमारा कम्यूटर बनाने आए सलमान ने मुझ से कराए का मकान पूछा था। उसने किसी आलिमा का कोर्स करने वाले के लिए मकान की बात कही थी। साथ ही ये भी कहा था कि वो बाद में परिवार को ले आएँगे। तब मैंने उसे किराए पर मकान दे दिया। भाड़ा 3500 रुपए तय हुआ था। काफी देर में उन्होंने किराया कैश में दिया था। वो आधार कार्ड के लिए बहाने बनाने लगे। मुझे पहले कभी उन पर शंका नहीं हुई। उनके पास बहुत ज्यादा सामान भी नहीं था।”