दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने साल 2020 में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। आरोपों के मुताबिक, ताहिर हुसैन ने दंगे फैलाने के लिए पैसे जुटाए थे। ये पैसे भी गलत तरीके से जुटाए गए थे। फ़िलहाल ताहिर हुसैन ने अब तक अपना गुनाह कबूल नहीं किया है। कोर्ट ने ये आरोप बुधवार (11 जनवरी 2023) को तय किए हैं।
2020 North East Delhi violence | Delhi’s Karkardooma Court today framed the charges against ex-MCD councillor Tahir Hussain in a money laundering case. He has been charged with the offence of funding the riots using alleged laundered money. He has not pleaded guilty.
— ANI (@ANI) January 11, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताहिर हुसैन पर दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस के मामले में आज बुधवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई थी। 3 दिन पहले 8 जनवरी को ताहिर हुसैन ने एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए पैरोल माँगा था। कोर्ट में ताहिर ने खुद को बीमार बताया था। ताहिर की इस याचिका पर न्यायाधीश अमिताभ रावत ने तिहाड़ जेल से ताहिर की मेडिकल रिपोर्ट मँगवाई थी। जेल प्रशासन को यह रिपोर्ट बुधवार (11 जनवरी) तक भेजनी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही ताहिर के पैरोल पर फैसला होना है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली दंगों के ही मामले में जेल में बंद एक अन्य आरोपित अतहर खान ने जेल के एक अधिकारी पर मानसिक रूप से उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। याचिका में अतहर ने कोर्ट से संरक्षण की माँग की है। एक अन्य आरोपित उमर खालिद ने भी जेल प्रशासन से इलेक्ट्रिक केतली और पढ़ने के लिए किताबें मँगवाई थीं। हालाँकि, इस याचिका के निस्तारण की जिम्मेदारी कोर्ट ने जेल प्रशासन को सौंपी है।
गौरतलब है कि साल 2020 के हिन्दू विरोधी दंगों में मुख्य आरोपित किया गया ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी से पार्षद था। पुलिस जाँच में यह भी खुलासा हुआ है कि ताहिर हुसैन ने अपने घर को एक रणनीतिक बेस के तौर पर दंगाइयों के साथ प्रयोग किया था। आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन पर दंगे का आरोप लगने के बाद उन्हें पार्टी ने निलंबित कर दिया था।