आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आर्थिक मंदी पर कहा कि वैश्विक विकास की गति धीमा है, लेकिन अभी तक किसी भी तरह की कोई मंदी नहीं है। ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम में बोलते हुए आरबीआई के गवर्नर ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई मंदी नहीं है। दास ने कहा कि बाहरी जोखिम बढ़ने के बावजूद घरेलू अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है, क्योंकि विदेशी कर्ज जीडीपी का महज 19.7 फीसद है।
शशिकांत दास ने कहा कि आयात-निर्यात में कमी चिंता का विषय है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दास ने घरेलू अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंदी के प्रभाव से बचाने के लिए ज्यादा संरचनात्मक सुधारों पर जोर देने का आह्वान किया। दास ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कमी से देश में निवेश बढ़ेगा, लेकिन ऐसे फंड के भविष्य को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
RBI Governor at Bloomberg India Economic Forum in Mumbai today: International environment is clouded with challenging conditions. Global growth is slowing down & central banks across world are bracing up to counter it by easing monetary policy; but there is no recession as yet. pic.twitter.com/BTW9DvCFEC
— ANI (@ANI) September 19, 2019
बता दें कि गुरुवार को मुंबई में ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वातावरण चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में घिर गया है। वैश्विक विकास धीमा हो रहा है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति को आसान बनाकर इसका मुकाबला करने के लिए तैयार हैं लेकिन अभी तक कोई मंदी नहीं आई है।
RBI गवर्नर दास ने उम्मीद जताई कि सऊदी संकट कुछ समय के लिए है और महंगाई पर इसका सीमित प्रभाव होगा। दास ने कहा कि विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार को खर्चे कम करना होगा। दास ने भरोसा जताया कि महंगाई अगले 12 महीनों तक 4% के नीचे बनी रहेगी। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि विकास दर और महंगाई को स्थिर रखने के लिए एक बार फिर दरों में कटौती की गुंजाइश है।