तीन तलाक को लेकर सरकार भले ही लाख बाते कर रही हो लेकिन इस तीन तलाक के चलते मुस्लिम महिलाओं का जीवन नारकीय हो चुका है। ताजा मामला, यमुनानगर में ट्रिपल तलाक के बाद हलाला के नाम पर एक ससुर पर अपनी बहू से जबरदस्ती करने कोशिश का है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है कि सास की मौत के बाद ससुर की बहू पर गन्दी नियत और बढ़ गई। यहाँ तक कि एक दिन वह बहू के कमरे में भी घुस गया और उससे जबरदस्ती करने लगा। वह जबरन बहू को संबंध बनाने के लिए कहने लगा। महिला ने जब यह बात पति को बताई तो उसने तीन तलाक बोलकर उसे घर से निकाल दिया।
मामला शहर थाना जगाधरी एरिया की कॉलोनी का है। पीड़ित महिला अपनी शिकायत लेकर जब थाने पहुँची तो स्थानीय पुलिस ने महिला की सुनवाई नहीं की। बाद में उसने एसपी कुलदीप यादव से गुहार लगाई।
दैनिक जागरण के अनुसार, एसपी को दी शिकायत में यमुनानगर निवासी पीड़िता ने कहा, “15 जनवरी 2005 को उसका निकाह जगाधरी के युवक से हुआ। अब्बू ने हैसियत से बढ़कर दहेज दिया। उसकी एक बेटी और बेटा है। निकाह के करीब दो साल बाद उसके ससुर ने उस पर गलत नीयत रखते हुए जोर-जबरदस्ती शुरू कर दी। जब इस बारे में शौहर को बताया, तो उसने उसका ही कसूर निकल दिया।”
पीड़ित महिला का आरोप है कि उसके शौहर ने कुछ समय पहले उसे तीन तलाक दे दिया था। लेकिन उसके ससुर ने बहू के मायके में जाकर इस तलाक के न होने की बात कह डाली। हालाँकि, शरीयत के हिसाब से तलाक के बाद हलाला भी होता है और ऐसे में आरोप है कि ससुर की गंदी नजर बहू पर पहले से ही थी और उसने घर में ही उसका हलाला करने की बात कह कर उसे वापस ले गए।
गौरतलब है कि, उस समय तो बहू ने ससुर के साथ किसी भी प्रकार के संबंध रखने से साफ मना कर दिया। लेकिन कुछ दिन पहले ही सुसर ने बहू के साथ जबरदस्ती कर दी और ऐसे में उसने विरोध भी किया। लेकिन ससुर ने बहू की एक नहीं सुनी और उसके साथ जोर-जबरदस्ती करने के बाद उसे मुँह बंद रखने की हिदायत दी और लालच देकर यहाँ तक कह दिया कि अगर वह चुप रहेगी तो वह उसके नाम पचास गज का प्लाट भी लिख देगा और उसका सारा खर्च भी वही उठाएगा।
फिलहाल, पीड़िता अपनी माँ के पास आ गई है और उसने एसपी यमुनानगर को लिखित में शिकायत देकर इंसाफ की गुहार लगाई है।
यह मामला पहला नहीं है और न ही आखिरी, जिस तरह से मुस्लिम महिलाओं को लगातार तीन तलाक़ और हलाला के नाम पर शोषण और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। वह बहुत ज़्यादा भयावह है। तीन तलाक़ बिल प्रक्रिया में है। जल्द ही ऐसे शख्त कानून को अमल में लाने की ज़रूरत है ताकि तमाम पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिल सके।