कनाडा पुलिस ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के साथी सिमरनजीत सिंह के घर पर चलीं गोलियों के मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हुए दोनों आरोपित नाबालिग बताए जा रहे हैं। यह गिरफ्तारी घटना के 3 हफ्ते बाद हुई है। अभी तक पुलिस की जाँच में इस पूरी घटना में किसी भी प्रकार के विदेशी हाथ होने के सबूत नहीं मिले हैं। पकड़े गए नाबालिगों में एक सिमरनजीत सिंह का बेटा ही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना 1 फरवरी 2024 की है। तब सिमरनजीत सिंह के साउथ सरे के आवास पर रात के लगभग 1.20 बजे गोलियाँ चली थीं। घर पर हुई इस गोलीबारी में कोई घायल नहीं हुआ था। इन गोलियों से मौके पर खड़ी एक कार और घर को नुकसान पहुँचा था। इसी मामले में जाँच करते हुए कनाडा पुलिस ने 12 फरवरी को ही 2 किशोरों को गिरफ्तार किया था। दोनों की उम्र लगभग 16 साल बताई जा रही है। दोनों आरोपित फ़िलहाल पुलिस हिरासत में हैं, जिन्हें जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाना है।
इन दोनों नाबालिगों के खिलाफ ब्रिटिश कोलंबिया अभियोजन सेवा ने गोलियाँ चलाने और प्रतिबंधित बंदूक रखने के आरोप में केस चलाने की मंजूरी दे दी है। पुलिस ने दोनों के पास से 3 हथियार और कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं। बताते चलें कि कनाडा के वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन के कुछ दिन दिनों बाद सिमरनजीत सिंह के घर पर गोलीबारी हुई थी।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि दोनों नाबालिगों में से एक सिमरनजीत सिंह का बेटा ही है। हालाँकि, नाबालिग होने की वजह से आरोपितों की पहचान उजागर नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि यह झगड़ा पारिवारिक विवाद की वजह से हुआ था। अपुष्ट खबरों के मुताबिक, पकड़ा गया एक आरोपित सिमरनजीत सिंह की पहली बीवी का बेटा है। वह अपनी माँ के साथ हुए दुर्व्यवहार का बदला लेना चाहता था। माना जा रहा है कि सिमरनजीत सिंह के आवास पर गोलियाँ उसने इसी मकसद से चलाईं थीं।
यहाँ गौरतलब है कि सिमरनजीत सिंह के घर पर चली गोलियों को खालिस्तानी गैंग ने भारत सरकार द्वारा करवाया गया हमला बताने की साजिश रची थी। ब्रिटिश कोलंबिया गुरुद्वारा काउंसिल के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह ने तब इसे निजी मामला न मानते हुए सीधे-सीधे भारत सरकार की कार्रवाई करार दिया था। तब उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दिल्ली से कनाडा पर कराया गया हमला कहा था। मोनिंदर सिंह ने तो इस गोलीबारी को साल 2023 में मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कड़ी में हुआ अगला हमला कह डाला था।
आए दिन भारत विरोधी बयानबाजी के लिए कुख्यात सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के मुखिया गुरपतवंत सिंह (पन्नू) ने भी इस हमले का आरोप भारत पर लगाने का प्रयास किया था। तब उन्होंने सिमरनजीत सिंह को खालिस्तान आंदोलन का मेंबर और मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का सहयोगी बताया गया। ये तमाम आरोप कनाडाई सरकार के उस बयान के साथ जोड़ कर लगाए जा रहे थे जिसमें हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ होने के आरोप लगाए गए थे।
फिलहाल कनाडा पुलिस के खुलासे के बाद मोनिंदर सिंह और पन्नू जैसे तमाम खालिस्तान समर्थकों की बोलती बंद हो गई है। कनाडा पुलिस के अधिकारियों ने साफ कहा कि हमलावरों को विदेश से कोई भी निर्देश मिलने के सबूत नहीं मिले हैं। कनाडा पुलिस की जाँच रिपोर्ट आने के बाद सिख समुदाय ने ब्रिटिश कोलंबिया गुरुद्वारा काउंसिल से माफी की माँग उठाई है। उन्होंने कहा है कि परिषद के प्रवक्ता मोनिंदर ने न सिर्फ झूठ बोला, बल्कि गोलीबारी की जाँच को भी गुमराह करने की कोशिश की।