Sunday, December 22, 2024
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परीक्षा कैसे हो, यह परीक्षा देने वाले ही करना चाहते हैं तय… क्या प्रयागराज में ‘सिस्टम’ हैक करना चाहते हैं छात्र? समझाने की कोशिश कर रहा प्रशासन, उकसा रहे अखिलेश यादव

प्रयागराज के UPPSC मुख्यालय के बाहर जुटे अभ्यर्थी PCS और RO/ARO भर्ती परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी माँग है कि परीक्षा को एक दिन में एक ही पाली में करवाया जाए और इसे दो दिन ना खींचा जाए। वह इस परीक्षा में सरलीकरण भी नहीं चाहते।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हजारों की संख्या में अभ्यर्थी जुटे हैं। यह सभी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। PCS और RO/ARO अभ्यर्थी यहाँ अपनी कुछ माँगे लेकर आए हैं। अभ्यर्थियों की भीड़ ने सोमवार (11 नवम्बर, 2024) को पुलिस द्वारा लगाई गई बैरीकेडिंग भी तोड़ दी। इनको समझाने के लिए पुलिस प्रशासन की टीम भी पहुँची लेकिन कोई बात नहीं बन सकी। अभ्यर्थी सरलीकरण और सिंगल डे शिफ्ट की माँग को लेकर अड़े हुए हैं और कह रहे हैं कि यह पूरी होने पर ही यहाँ से हटेंगे।

क्यों हो रहा प्रदर्शन, कब से जुटे अभ्यर्थी?

प्रयागराज के UPPSC मुख्यालय के बाहर जुटे अभ्यर्थी PCS और RO/ARO भर्ती परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह अभ्यर्थी सोमवार (11 नवम्बर, 2024) से जुटे हुए हैं। प्रयागराज में बड़ी संख्या में बाहर से आए अभ्यर्थी भी हैं। इनमें कुछ 500+ किलोमीटर से आए हैं। प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 10 हजार से अधिक बताई जा रही है। अभ्यर्थियों का जुटान सोशल मीडिया के माध्यम से भी हुआ है। यहाँ पुलिस-प्रशासन को नियंत्रण करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

अभ्यर्थियों की माँग क्या है?

UPPSC ने हाल ही में RO/ARO और PCS परीक्षा के लिए तारीखें घोषित की थीं। PCS की परीक्षा का प्रीलिम्स 7-8 दिसम्बर, 2024 को करवाई जाएगी। यह परीक्षा दो पाली में होगी। इसी तरह RO/ARO परीक्षा को 22-23 दिसम्बर, 2024 को करवाया जाएगा। इसकी तीन पालियाँ होंगी। परीक्षाओं के इस कार्यक्रम को लेकर ही अभ्यर्थी विवाद कर रहे हैं। उनकी माँग है कि परीक्षा को एक दिन में एक ही पाली में करवाया जाए और इसे दो दिन ना खींचा जाए।

एक दिन में परीक्षा की माँग क्यों?

अभ्यर्थियों एक दिन में परीक्षा की माँग सरलीकरण (नॉर्मलाइजेशन) के चलते कर रहे हैं। आयोग ने इस परीक्षा में इस बार सरलीकरण का नियम लागू किया है। यह सरलीकरण का नियम इसलिए लागू किया गया है क्योंकि परीक्षा दो दिन में होनी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरलीकरण में गड़बड़ी की आशंका होती है और ऐसे मामले कोर्ट में जाते हैं, इसलिए परीक्षा एक ही दिन में करवा ली जाए। अभ्यर्थियों का कहना है कि एक दिन में परीक्षा हो गई तो सरलीकरण नहीं करना पड़ेगा। वह कह रहे हैं कि बिना सरलीकरण का नोटिस लिए बिना वह प्रयागराज से नहीं हिलेंगे।

सरलीकरण से दिक्कत क्यों?

अभ्यर्थियों का कहना है कि PCS और RO/ARO में पहली बार नॉर्मलाइजेशन लागू किया है, जो कि सही नहीं है। सरलीकरण में अलग-अलग पाली होने वाली एक ही परीक्षा के कठिनाई के स्तर को देखते हुए अंक दिए जाते हैं। इसके अंतर्गत यदि किसी परीक्षा में 3 पाली हुई, जिसमें से तीसरी पाली का प्रश्नपत्र सबसे कठिन और पहली पाली का प्रश्नपत्र सरल हुआ तथा बीच की पाली का प्रश्नपत्र सामान्य रहा तो कठिन प्रश्न पत्र वाले को अंक बढ़ा कर दिए जाएँगे।

अभ्यर्थियों का तर्क है कि कुछ लोगों के लिए एक प्रश्नपत्र कठिन हो सकता जबकि दूसरे के लिए दूसरा कठिन होगा, ऐसे में सरलीकरण की प्रक्रिया सही नहीं है। उनका कहना है कि ऐसी परिस्थिति में कोर्ट में भर्ती फंस जाएगी और फिर समय बर्बाद होगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह भर्ती पहले ही गड़बड़ हो चुकी है। उनका कहना है कि फरवरी, 2024 में RO/ARO परीक्षा लीक हुई थी और अब कई महीने के बाद यह होने का समय आया है, यही मामला PCS के साथ है, आगे अगर गड़बड़ी हुई तो यह एक गलत परम्परा होगी।

आयोग का क्या तर्क?

UPPSC ने दो दिन में परीक्षा करवाने पर अपने तर्क रखे हैं। UPPCS का कहना है कि वह निजी संस्थानों में परीक्षा नहीं करवाना चाहती क्योंकि इससे लीक का खतरा बढ़ता है। ऐसे में सरकारी कॉलेज में ही परीक्षा करवाई जा रही है। UPPCS ने 41 जिलों में परीक्षा के लिए केंद्र बनाए हैं। उसने कहा है कि अभ्यर्थियों की संख्या भी अधिक है जिस कारण से एक दिन में इन कॉलेज में परीक्षा सम्पन्न नहीं हो सकती, तभी दो बार परीक्षा करवाई जा रही है। UPPSC ने कहा कि सरलीकरण की प्रक्रिया भी कोर्ट के आदेश के अनुसार ही करवाई जाएगी।

अब प्रशासन क्या कह रहा?

मंगलवार (12 नवम्बर, 2024) को UPPSC मुख्यालय के बाहर सोमवार से अधिक अभ्यर्थियों का जुटान है। UPPSC पदाधिकारियों ने कहा है कि वह अभ्यर्थियों से वार्ता करने को तैयार हैं और पाँच प्रतिनिधि अभ्यर्थी भेज सकते हैं। वहीं अभ्यर्थी कह रहे हैं कि अपनी माँग मनवाए बिना वह नहीं हटेंगे और कोई भी वार्ता नहीं करेंगे। उनका कहना है कि एक दिन में परीक्षा और सरलीकरण हटाने का नोटिस जारी कर दिया जाए, बस वह चले जाएँगे। इस बीच प्रशासन उन्हें समझाने की कोशिश कर रहा है।

प्रशासन की तरफ से प्रयागराज के कमिश्नर और डीएम उनसे मंगलवार दोपहर को भी बात करने पहुँचे लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल होने आए कुछ गैर अभ्यर्थियों को हिरासत में भी लिया है। पुलिस अभी छात्रों के प्रदर्शन को हिंसक होने से रोक रही है।

मामले में राजनीति भी चालू

अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति ने भी जोर पकड़ लिया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे ‘योगी बनाम प्रतियोगी’ प्रदर्शन नाम दिया है। उनका कहना है कि लोगों को अब भाजपा नहीं चाहिए, यह अभ्यर्थी समझ चुके हैं।

वह बात अलग है कि अखिलेश यादव के राज में UPPSC के चेयरमैन अनिल यादव पर गड़बड़ी के इतने आरोप लगे थे कि अभ्यर्थियों ने इसके मुख्यालय को ‘यादव सेवा आयोग’ नाम दे दिया था।

मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा है कि अखिलेश यादव को इन सब मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए।

उन्होंने लिखा, “यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को छात्रों के मुद्दों पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें अपने शासनकाल में हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार को याद रखना चाहिए। पुलिस अधिकारी संयमित व्यवहार करें और छात्रों पर बल प्रयोग न हो। प्रतियोगी छात्रों से अनुरोध है कि वे अपनी समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से उठाएँ और सपा की राजनीति का शिकार न बनें। आपकी न्याय की लड़ाई में सरकार और मैं सदैव आपके साथ हूँ।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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