बाबरी ढाँचे के विध्वंस (Babri Demolition) को मंगलवार (6 दिसंबर, 2022) को 30 वर्ष पूरे हो गए। कई मुस्लिम ट्विटर यूजर्स सोशल मीडिया साइट पर ‘बाबरी ज़िंदा है’, ‘6 दिसंबर’, ‘बाबरी मस्जिद’ जैसे हैशटैग ट्रेंड करा रहे हैं, ताकि हिंदू समुदाय के खिलाफ घृणित टिप्पणियाँ पोस्ट की जा सकें। 6 दिसंबर, 1992 को सैकड़ों कारसेवकों ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर विवादित ढाँचे को गिरा दिया था।
बसेरी फैजल नाम के एक ट्विटर यूजर ने उस दिन को ‘ब्लैक डे’ करार दिया और कहा कि ‘बाबरी मस्जिद’ को वहाँ मंदिर बनाने के लिए ढहा दिया गया था। उसने कहा, “6 दिसंबर को भारत में उस जगह को बाबरी मस्जिद के रूप में याद किया जा रहा है। इसकी हमेशा बहुत गहरी छाप रहेगी और इसे इतनी आसानी से नहीं मिटाया जा सकता है।”
#BabriMasjid was martyred built a temple there, Be kept barren, but that place in India is being remembered as Babri Masjid on 6 December ! 🕌And there will always be a very deep impression the name mark cannot be erased ❌ so easily !! #BlackDay ⚫ 6 December pic.twitter.com/kLjA1IpbNH
— 🇮🇳Baseri Faizal بشیری فیضل (@ImFaiz_07) December 5, 2022
मोहम्मद नईम नाम के एक अन्य व्यक्ति ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मुस्लिम कभी जमीन के लिए नहीं लड़ा, बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ा। इसमें वो कहते दिख रहे हैं, “हमारा जो हक है वह हमें दो। अलग जमीन देकर हमारी तौहीन की गई।” वीडियो में ओवैसी को भीड़ को हिंदुओं के खिलाफ भड़काते हुए भी देखा जा सकता है। नईम ने वीडियो को कैप्शन में लिखा, “बाबरी मस्जिद हम आपको कभी नहीं भूल सकते! इंशाअल्लाह, 6 दिसंबर 1992 एक काला दिन था।”
Babri Masjid we can never forget you!! InshAllah,,,
— Mohammed Nayeem 🇮🇳 (@PMN967787) December 5, 2022
6 December 1992 was a black day.😢#6december #Blackday #babrimasjid #BabriMasjidDemolition #BabriZindaHai #Owaisi #Aimimgujarat #AIMIM #aimimmdelhi #aimimchiefasaduddinowaisi pic.twitter.com/W2nFrpioOK
AIMIM नेता अख्तरुल इमान ने 1992 में हुई इस घटना की कुछ तस्वीरें साझा कीं और कहा कि कथित तौर पर हिंदुओं द्वारा दिए गए घाव अभी भी ताजा है। उन्होंने कहा, “मस्जिद में मूर्ति रखवाने वाला नेहरू था, बाबरी का ताला खुलवाने वाला राजीव गाँधी था, बाबरी शहीद कराने वाला नरसिम्हा राव था! बाबरी मस्जिद ज़िंदा है और क़यामत तक हमारे दिलों में ज़िंदा रहेगा।”
अपने सीनों में मेरे ज़ख्म को ताज़ा रखना ,
— Akhtarul Iman f.c (@AkhtarulImanMLA) December 5, 2022
मेरी तामीर का फिरसे तुम इरादा रखना
मस्जिद में मूर्ति रखवाने वाला नेहरू था, बाबरी का ताला खुलवाने वाला राजीव गांधी था, बाबरी शहीद कराने वाला नरसिम्हा राव था!
बाबरी मस्जिद ज़िंदा है और क़यामत तक हमारे दिलों में ज़िंदा रहेगा#BabriZindaHai pic.twitter.com/THrrfkEYIZ
इस बीच, कई और मुस्लिम यूजर्स ने बाबरी के विवादित ढाँचे की तस्वीर शेयर की और धमकाया कि ‘गिरा हुआ ढाँचा एक दिन उठ खड़ा होगा।’ कई लोगों ने हिंदू समुदाय के खिलाफ घृणित टिप्पणियाँ भी पोस्ट कीं और कहा कि ‘मस्जिद’ को अवैध रूप से गिराया गया था।
एक मुस्लिम ट्विटर यूजर इलियास ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों ने अवैध रूप से विवादित ढाँचे को ध्वस्त किया था। उसने तत्कालीन भाजपा सदस्यों को ‘आतंकवादी’ भी कहा। उसने ट्वीट कर कहा, “6 दिसंबर 1992। 30 साल पहले, आरएसएस और भाजपा के आतंकवादियों की भीड़ ने बाबरी मस्जिद पर हमला किया और इसे अवैध रूप से ध्वस्त कर दिया। दोषियों को कभी दंडित नहीं किया गया, बल्कि उन्हें भारतीय समाज के बहुमत द्वारा महिमामंडित किया गया था।”
6th December 1992
— ILYAS (@ilyas_uddinali) December 6, 2022
30 Years ago, a Mob of Rss,Bjp Terrorists attacked Babri Masjid and illegally demolished.
Culprits were never got punished they were glorified by Indian Majority Society. #babrimasjid #BabriZindaHai #BabriAwaitsJustice #BlackDay pic.twitter.com/oFTrmazr9S
खुद को ‘एंटी इस्लामोफोबिया सोशल मीडिया एक्टिविस्ट’ बताने वाले मोहम्मद साकिब अनवर ने ट्वीट किया, “30 साल गुज़र गए हैं और 300 साल भी गुज़र सकते है लेकिन बाबरी मस्जिद इंशाअल्लाह उसी जगह तामीर की जाएगी, गुरबा के हाथों ही सही।”
30 साल गुज़र गये हैं 300 साल भी गुज़र सकते है लेकिन बाबरी मस्जिद इंशा अल्लाह उसी जगह तामीर की जायेगी गुरबा के हाथों ही सही,
— Md Saquib Anwar محمد ثاقب انور (@MdSaquibAnwar14) December 5, 2022
निकल के सहरा से जिस ने रूमा की सल्तनत को उलट दिया था,
सुना है ये क़ुदसियों से मैंने वो शेर फिर होशियार होगा !
— डॉ अल्लामा इक़बाल रह०#BabriZindahai pic.twitter.com/1PwQLmD4Rw
मोहम्मद सादाब शेख नाम के एक व्यक्ति ने भी ट्वीट किया और हिंदू कारसेवकों के खिलाफ घृणित टिप्पणियाँ पोस्ट कीं। उसने कहा, “बाबरी मस्जिद सिर्फ एक मस्जिद नहीं थी, उस पर इतिहास खुदा हुआ था। और 6 दिसंबर, 1992 को हिंदू कारसेवकों द्वारा इसके विध्वंस ने एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में भारत के भविष्य के बारे में एक सवाल खड़ा कर दिया। बाबरी मस्जिद विध्वंस के 30 साल। हम कभी नहीं भूलेंगे, कभी माफ नहीं करेंगे।”
Babri Masjid was not just a mosque- it had history engraved on it. And on December 6, 1992, its demolition by Hindu Kar Sevaks raised a question over India’s future as a secular nation. 30 years of #BabriMasjidDemolition
— Md Sadab S. (@IamSadabSheikh) December 6, 2022
We will never forget,
We never forgive. #BabriZindaHai pic.twitter.com/tWtfrpOdGa
बाबरी ढाँचा इस्लामी आक्रांताओं केअत्याचार का प्रतीक था। यह अत्याचार और बर्बरता का प्रतीक था। 6 दिसंबर 1992 को, अयोध्या में विवादित ढांचे को विभिन्न हिंदू कार्यकर्ताओं ने ढहा दिया था। इस्लामी समुदाय इस दिन को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाते हैं, जबकि हिंदू पक्ष इसे ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाते है।
तेलंगाना से भाजपा नेता टी राजा सिंह ने उन कारसेवकों को सलाम किया, जिनकी बलिदान की नींव पर अयोध्या में ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ पूरी भव्यता के साथ आकार ले रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, “6 दिसम्बर 1992 शौर्य दिवस पर प्रथम शहीद राम कोठारी – शरद कोठारी एवं कारसेवा में अपना बलिदान देने वाले कोटि-कोटि जनों को श्रद्धांजलि! उन सभी कारसेवकों को कोटिशः नमन, जिनकी बलिदानी नींव पर अयोध्या में ‘श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर’ सम्पूर्ण भव्यता के साथ आकार ले रहा है। जय श्री राम।”
6 दिसम्बर 1992 #शौर्य_दिवस पर प्रथम शहीद राम कोठारी – शरद कोठारी एवं कारसेवा में अपना बलिदान देने वाले कोटि-कोटि जनों को श्रद्धांजलि!
— Raja Singh (@TigerRajaSingh) December 6, 2022
उन सभी कारसेवकों को कोटिशः नमन जिनकी बलिदानी नींव पर अयोध्या में “श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर” सम्पूर्ण भव्यता के साथ आकार ले रहा है।
जय श्री राम 🚩 pic.twitter.com/sF0UGwQqWt
हिंदू कार्यकर्ताओं में से एक समित ठक्कर ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “कोई पछतावा नहीं, कोई पश्चाताप नहीं, कोई दुख नहीं, कोई शोक नहीं।”
No Regret, No Repentance, No Sorrow, No Grief….
— Sameet Thakkar (@thakkar_sameet) December 5, 2022
Remembering brave Son of Maa Bharti Ram Bhakt Kalyan Singh Ji on Shaurya Diwas.
6th Dec 1992 गर्व है ..!
जय श्री राम 🚩 pic.twitter.com/XVqFatwL6D
9 नवंबर, 2019 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राम लला विराजमान के पक्ष को सही माना और अपने ऐतिहासिक फैसले में विवादित भूमि हिंदुओं को सौंप दी। कोर्ट ने केंद्र सरकार से एक ट्रस्ट बनाने को कहा था जो भव्य राम मंदिर के निर्माण का काम संभाले। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन फरवरी 2020 में किया गया था। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य नेताओं और संतों की उपस्थिति में मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए राम जन्मभूमि में भूमिपूजन किया गया था। मंदिर का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।