प्रियंका चोपड़ा हर समय लाइमलाइट में रहने का हुनर जानती हैं- जो उनके पेशे में लाज़मी भी है। लेकिन दिक्कत यह है कि उनके पेशे के कई अन्य लोगों की तरह ही सुर्खियाँ बटोरने के लिए अक्सर उनकी बलि का बकरा भी हिन्दू धर्म, हिन्दू संस्कृति और हिन्दू त्यौहार ही होते हैं। हिन्दुओं के त्यौहार दीपावली पर दमे से उनका दम निकलने लगता है, इतना ज्यादा कि वह चाहतीं हैं कि उनके एक के लिए पूरा शहर (बल्कि उससे भी अच्छा हो कि पूरा देश) दिवाली पर पटाखे चलाना छोड़ दे। लेकिन खुद की ‘सेक्युलर’ शादी में फूटे पटाखों और सिगरेट पीते वक़्त यह दमा उन्हें परेशां नहीं करता।
दमा, जानवर, प्रदूषण या हिन्दूफ़ोबिया?
पिछले साल दिवाली के पहले प्रियंका चोपड़ा का वीडियो आया था- जिसमें वह जानवरों, प्रदूषण, और अपने दमे का हवाला देकर लोगों से दिवाली नहीं मनाने की अपील की थी।
Less pollution, more ladoos! Here’s wishing everyone a safe and Happy Diwali! #BerokZindagi@priyankachopra pic.twitter.com/4InCs7MpHx
— Breathefree (@ibreathefree) November 6, 2018
लेकिन इस ‘मार्मिक’ अपील के एक महीने के भीतर उनकी शादी में पटाखों का इस्तेमाल जमकर हुआ। उस समय भी प्रियंका इसे लेकर लोगों के निशाने पर आईं। लेकिन उन्होंने न फैंस से माफ़ी माँगी और न ही इसपर सफाई देना की जरूरत समझी।
Congratulations to @Cipla_Global for the groundbreaking invention.@priyankachopra had asthma since age of 5. Firecracker pollution on Diwali made her asthma worse, bt aftr using Cipla inhaler, her asthma got cured within a month, &now she is enjoying firecrackers on her wedding pic.twitter.com/iVxQtAaU4C
— Neta Ji (@AapGhumaKeLeLo_) December 1, 2018
Khair, laws are applicable only for the poor and middle class. Ameer logon ke liye kya kanoon aur kya court. Fuck this shit. Person who got arrested because his kids burst a cracker should learn that he should become a Bollywood star for his kids to light a pataakha.
— Gappistan Radio (@GappistanRadio) December 1, 2018
Awesome fireworks display during your wedding! What happened to your message NOT to do fireworks during Diwali? Smell some hypocrisy? ? @priyankachopra @nickjonas #PriyankaKiShaadi #PriyankaChopra #PriyankaNickWedding
— Amit C (@imAmitC) December 2, 2018
सिगरेट भी ‘औरों’ के दमे के लिए हानिकारक?
हाल में प्रियंका की कुछ तस्वीरें वायरल हुईं हैं, जिनमें वह सिगरेट पीती नज़र आ रहीं हैं।
Priyanka Chopra trying to cure the Asthma she developed on Diwali! pic.twitter.com/ifvKNNiwpE
— Aviral sharma (@sharmaAvl) July 21, 2019
ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर यह कैसा अस्थमा है, जो न ‘सेक्युलर’ शादी के पटाखों से होता है, न सिगरेट से होता है- केवल दीवाली के पटाखों से ही इसकी दुश्मनी होती है?
प्रियंका चोपड़ा फ़िलहाल किस ब्राण्ड की एम्बेसडर हैं, पता नहीं (कोई कह रहा है कि असम की हैं, पर मुझे विश्वास नहीं- अगर सच में होतीं तो शायद असम के लिए कुछ करतीं सुनाई पड़तीं), लेकिन ‘ठग लाइफ़’ की बड़ी सही ब्रांड एम्बेसडर होतीं- खुद लोगों को कुछ करने से मना करने के बाद चार बार दौड़कर उसे करने से ज़्यादा ‘ठग लाइफ़’ क्या होगी?
इससे पहले कि आप उनकी ‘माई चॉइस’ का राग अलापें…
प्रियंका चोपड़ा अपनी निजी ज़िंदगी में जो कुछ करें, वह उनका पूरा अधिकार है- उस पर सवाल उठाना गलत होगा। चाहे उन्हें दमा हो या न हो, चाहे वे दमे के लिए अनुलोम-विलोम करें, या दिन में पाँच पैकेट सिगरेट फूँकें, यह उनकी ‘माई चॉइस’ है। लेकिन जब आप अपनी निजी ज़िंदगी को, अपनी बीमारी को खुद न केवल बाजार में, सार्वजनिक जीवन में ले आते हैं, बल्कि उसे सहारा बना कर दूसरे की ज़िंदगी में हस्तक्षेप करने लगते हैं, या किसी और के हस्तक्षेप के पक्ष में खड़े होकर माहौल बनाने लगते हैं, जैसा प्रियंका ने लोगों के दिवाली पर पटाखे चलाने के अधिकार पर रोक के पक्ष में अपने दमे का हवाला दे माहौल बनाते हुए किया, तो आपकी ज़िंदगी का वह पहलू निजी नहीं रह जाता। फिर उस पर बात होगी, बहस होगी, और आपका दोहरापन सौ बार उजागर होगा- चाहे आप ऐसा करने वाले को जितना भी ट्रोल-ट्रोल बुलाएँ।
प्रियंका चोपड़ा एक अभिनेत्री हैं, और इसलिए दोहरी ज़िंदगी, सच और झूठ के बीच झूलना उनके ‘प्रोफेशनल हज़ार्ड’ यानी पेशे से उपजी बीमारियाँ माने जा सकते हैं। लेकिन निजी ज़िंदगी में भी दोहरापन, वह भी केवल हिन्दुओं के त्यौहारों के प्रति, उनके पेशे की बीमारी नहीं, बल्कि सीधा-सपाट हिन्दूफ़ोबिया ही माना जाएगा।