किसान आंदोलन के नाम पर मोदी सरकार को घेरने का काम वर्तमान में कई राजनीतिक दल कर रहे हैं। ऐसे में पंजाब सरकार अपनी राजनीति साधने से बाज नहीं रही। हाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जनता को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा था कि यदि हम काले कृषि कानूनों का विरोध नहीं करते हैं तो हम अपने बच्चों का भविष्य खतरे में डाल देंगे।
इसी तरह समय-समय पर बयान देकर वह किसानों की माँग को जायज ठहरा रहे हैं। वह आशंका जता रहे हैं कि नए कृषि कानूनों से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को बड़ा नुकसान पहुँचेगा, जिनका विकास मौजूदा प्रणाली के अंतर्गत मंडी बोर्ड को होने वाली आय से किया जाता है।
अब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं की बातों में कितनी गंभीरता है या वह प्रदेश के किसानों के कितने बड़े हितैशी हैं, इस बात का अंदाजा सितंबर माह में पंजाब सरकार द्वारा जारी एक रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। ये रिपोर्ट कोविड-19 रिस्पांस रिपोर्ट है।
इसी रिपोर्ट में पंजाब में कोविड चुनौतियों से उभरने के लिए उपाय सुझाए गए हैं। इस रिपोर्ट में कोविड में पंजाब की स्थिति, राज्य की परेशानी, सामने आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान का जिक्र है।
इस रिपोर्ट के पृष्ठ संख्या 334 में कृषि बदलावों का भी उल्लेख है। जिसके अंतर्गत मार्केटिंग रिफॉर्म की जानकारी देते हुए एपीएमसी से परे बाजार खोलने की बात स्पष्ट तौर पर लिखी गई है।
इसमें दो बिंदु निम्नलिखित है:
- APMC से परे कृषि विपणन को खोलना ताकि किसानों की उपज बेचने का स्कोप बढ़ सके।
- उच्च मूल्य वाले फलों (जैसे प्लम, आड़ू, लीची, अमरूद आदि) और सब्जियों (आलू, मटर, मिर्च आदि) के बागों के तहत क्षेत्रों की डबलिंग करना।
इसके अतिरिक्त इस रिपोर्ट में किसानों और किसान प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन के बीच कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का जिक्र भी किया गया है।
This is the Covid response report of Punjab Govt. On page 334 the report says “opening up of agricultural marketing beyond APMCs to increase the scope of selling farmer produce.”
— Marya Shakil (@maryashakil) December 25, 2020
In September, Punjab Chief Secy said these reforms must be implemented. #FarmBills2020 pic.twitter.com/XYfN689Qth
सोशल मीडिया पर इसी रिस्पांस रिपोर्ट में जिक्र किए गए बिंदु पर ध्यान आकर्षित सीएनएन पत्रकार मारया शकील ने करवाया है। उन्होंने संबंधित अंश शेयर करते हुए कहा कि पंजाब के मुख्य सचिव इन रिफॉर्म को लागू करवाने को जरूरी बता चुके हैं। जिसके बाद ट्विटर पर उनसे पूछा जा रहा है कि क्या वो भाजपा कि प्रवक्ता हैं या अपने बॉस के कहने पर ये सब कर रही हैं।
R u the @BJP4India spokesperson or this been conveyed by the bosses to propagate..
— Bihari (@Pakkabihari) December 25, 2020