रूस-यूक्रेन विवाद के बीच भारतीय छात्रों की वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल है। इस बीच एक वीडियो राशिद रिजवान नाम के लड़के की सामने आई है। इसमें दावा किया जा रहा है कि कुछ छात्र 10 घंटे से सीमा पर बैठे हुए हैं लेकिन कोई अधिकारी उन्हें देखने नहीं आया। कोई संपर्क नहीं कर रहा। वीडियो में रिजवान को आँख में आँसू भरकर कहते सुना जा सकता है कि इन हालातों में रहने से बेहतर तो ये था कि उन्हें कोई मिसाइल मार देती। वो अपनी वीडियो में भारत सरकार के विरुद्ध नाराजगी जता रहे हैं। उनका कहना है कि सिर्फ बातें हो रही हैं कि अधिकारी खड़े हैं। कोई अधिकारी नहीं खड़ा है।
Listen to this Indian Student Stuck at Ukraine -Hungry border . Rizwan is from Gopalganj in Bihar .He is losing his will and hope . @MEAIndia @NitishKumar @PMOIndia .Please Speed up the process of evacuation.
— Ankur Agrawal (@TvWalllah) February 26, 2022
My dear Students stay strong #IndiansInUkraine #UkraineUnderAttack pic.twitter.com/tfZ6qqsH3t
रिजवान की यह वीडियो सोशल मीडिया पर लिबरल, वामपंथियो द्वारा शेयर की जा रही है। इस वीडियो के बूते जनता को समझाया जा रहा है कि कैसे भारत सरकार यूक्रेन में फँसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। जबकि हकीकत ये है कि भारत सरकार यूक्रेन से छात्रों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा को शुरू कर चुकी है। रोमानिया और हंगरी से करीब 710 लोग 3 फ्लाइट में लाए जा रहे हैं और अन्य तमाम भारतीय लोगों को भारत सुरक्षित लाने की कोशिशें चल रही हैं जिनमें रिजवान भी आते हैं।
कौन हैं राशिद रिजवान?
अब यहाँ ये गौर देने वाली बात है कि भारत सरकार के विरुद्ध और उनके प्रयासों को खारिज करने वाले लिबरल जिस रिजवान की वीडियो को लेकर अपना एजेंडा चला रहे हैं वे कौन हैं। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर ही रिजवान से जुड़ी जानकारी साझा की है। इनके मुताबिक राशिद रिजवान गोपालगंज बिहार का निवासी है और उसके ऊपर कई बार भारत विरोधी प्रोपेगेंडा में शामिल होने का आरोप है। रिजवान के ट्विटर हैंडल @rshdrizwan पर देख सकते हैं कि वो कैसे यूक्रेन से भारत सरकार के विरुद्ध सामग्री सोशल मीडिया पर डालता था।
सीएए/एनआरसी, कश्मीर, किसान आंदोलन…सब पर है राशिद के ट्वीट
साल 2020 में रिजवान ने एक तीन साल की बच्ची की तस्वीर को शेयर करके भारत सरकार को कोसा था, जो अपने दादा के शव के ऊपर बैठी थी और जिन्हें पाकिस्तान आतंकियों ने मार दिया था। इस तस्वीर के साथ राशिद ने कहा था कि धरती के स्वर्ग को धरती का नरक बना दिया गया है।
कुछ स्क्रीनशॉट में देख सकते हैं कि कैसे सीएए-एनआरसी के खिलाफ राशिद ने यूक्रेन में रहते हुए विरोध किया था। जिसे देख नेटीजन्स ने आरोप लगाया था कि राशिद विदेशी मिट्टी पर जाकर लोकतांत्रिक तरह से चुनी गई सरकार के ख़िलाफ़ माहौल बना रहे हैं।
दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों के समय रिजवान को सफूरा जरगर को समर्थन देते देखा गया था। अपने ट्वीट में उसने दिखाया था कि जरगर पर इसलिए कार्रवाई हुई क्योंकि वो मुस्लिम हैं।
यूक्रेन में रहते हुए रिजवान ने एक भी मौका ऐसा नहीं छोड़ा जब वो भारत विरोधी माहौल बना सके। किसान आंदोलन के समय उसने कहा था कि ये जीत सिर्फ किसानों की नहीं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों की है।